सुखासन योग – चिंता, तनाव और क्रोध दूर करने में सहायक
योग एक तरह का व्यायाम है। इसके नियमित अभ्यास से आपका स्वास्थ्य सुधरता है। यही वजह है की सालो से लोग इसे अपनाकर अपने स्वास्थ्य में इज़ाफ़ा कर रहे है। योग के अंतर्गत बहुत सारे आसन आते है, जो आपको शारीरिक और मानसिक फायदे पहुंचाते है।
योग को करके आप कई परेशानिया जैसे कोई बीमारी, मोटापा, शरीर का दर्द आदि से निजात पा सकते है। यदि आप योग के लिए नये है तो आपको योग की शुरुआत सुखासन के साथ करना चाहिए। अँग्रेज़ी में इसे ईज़ी पोज़ के नाम से भी जाना जाता है।
‘सुखासन’ शब्द संस्कृत के शब्द ‘सुखम’ से आया है जिसका अर्थ होता है सुख, शांति और खुशी। हर उम्र के व्यक्ति इस आसन को कर सकते है। जो लोग ध्यान करना चाहते है उनके लिए भी यह आसन बहुत लाभदायक है। इसकी विधि और लाभ जानने के लिए पढ़िए Sukhasana Yoga in Hindi.
Sukhasana Yoga in Hindi: जानिए इसकी विधि और लाभ
सुखासन एक तरह का रिलॅक्सेशन पोज़ है, इसे ख़ासकर ध्यान की स्थिति में बैठने के लिए बनाया गया है। जैसा की नाम से ही प्रतीत हो रहा है, यह आसन करने में बहुत ही आसान है।
इस आसन को करने से पहले की जानकारी
यह आसन एक मेडिटेटिव पोज़ है इसलिए इसे सुबह के वक्त करना होता है। वैसे तो इस आसन को खाली पेट करना ज़रूरी तो नही है लेकिन यदि आप इस आसन को करने के बाद और भी कई आसन करते है तो बेहतर होगा आप इसे खाली पेट ही करे। यदि आपने कुछ खाया है तो उसके 5 घंटे बाद ही आप इसका अभ्यास करे।
सुखासन स्टेप्स: जाने इसकी विधि और लाभ
- सुखासन पोज़ करने के लिए सबसे पहले किसी समतल जगह का चुनाव कर दरी बिछा ले।
- अब पालती मारकर बैठ जाए।
- हथेली को एक के उपर एक रखकर, अपने पालती पर रखे।
- सिर को बिल्कुल सीधा रखे और आँखे बंद करले।
- लंबी लंबी साँसे ले, और अपना ध्यान श्वसन क्रिया पर लगाए।
- इस वक्त आपको बिल्कुल सीधा बैठना है। इसलिए अपनी पीठ और मेरुदण्ड को बिल्कुल सीधा रखे।
- यदि आप झुखकर बैठेंगे तो आपका आसान ग़लत होगा।
- अब अंदर की और गहरी साँस ले। फिर धीरे धीरे छोड़े। इस वक्त अपने कंधे को बिल्कुल ढीला छोड़ दे।
- हो सकता है शुरुआत में आपसे बैठते नही बन रहा हो तो आप दीवार का सहारा ले सकते है।
सुखासन बेनिफिट्स – जानिए इसके फायदे
- सुखासन करने से पैरो का रक्त संचार ठीक होता है और उनमे क्रियाशीलता बढ़ती है।
- जो लोग तनाव भरे माहोल में रहते है, उन्हे इस आसन का अभ्यास ज़रूर करना चाहिए।
- इससे चिंता, तनाव, अवसाद आदि समस्याओ से निजात मिलता है।
- इससे आपका विचलित मन शांत होता है और आप मानसिक सुख की अनुभूति कर पाते है।
- जिन लोगो को पीठ में दर्द की समस्या है, उन्हे इस आसन को ज़रूर करना चाहिए।
- इससे एकाग्रता बढ़ती है, इसलिए स्टूडेंट्स लोगो को यह आसन ज़रूर करना चाहिए।
- इससे आपके शरीर का बैठने का पोस्चर सुधरता है। जो लोग बिना झुखे, सीधे नही बैठ पाते उन्हे इस आसन को ज़रूर करना चाहिए।
- इससे आपकी रीढ़ की हड्डी लचीली और मजबूत बनती है।
- इससे छाती और पैर मजबूत होते है।
- यह आपके टखनो और घुटनो में लचीलापन लाता है।
सुखासन के पहले के पोज़ | दंडासन |
सुखासन के बाद के पोज़ | अनुलोम-विलोम, कपालभाती |
करने का समय | सुबह के वक्त |
कब ना करे | घुटनो में दर्द होने पर |
इसके लाभ | एकाग्रता बढ़ाए, तनाव दूर करे |
जब भी आप सुखासन का अभ्यास करते है, तब आप इस बात का अच्छे से ख़याल रखे की आपके शरीर का वजन पूरे शरीर पर आए, ना की केवल एक पैर पर। इस बात का भी ख़याल रखे की आपके कंधे एक समान हो।
आपकी रीढ़ की हड्डी, आपका सर, आपके नितंब सभी एक लाइन में होना चाहिए। जब आप इस मुद्रा में बैठते है तो आपके पैरो को आरामदायक अवस्था में रखना मुश्किल है। लेकिन एक बार जब आपको इसकी आदत हो जाएगी आप बहुत ही आसानी से इसे कर पाएँगे।
उपर आपने जाना Sukhasana Yoga in Hindi. यदि आपके पैरो में बहुत दर्द हो तो इस आसन को ना करे। साथ ही यदि रीढ़ की हड्डी में किसी प्रकार की समस्या हो तब भी इस आसन को करने से बचना चाहिए।