Anal Cancer in Hindi: शरीर के निचले हिस्सों में समस्या को अनदेखा न करे
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो बहुत ही घातक होती है। इसका समय पर उपचार होने पर रोगी की जान बचायी जा सकती है। शरीर में कई प्रकार के कैंसर होते है।
शरीर के निचले भाग में भी कैंसर की समस्या हो सकती है जैसे एनल कैंसर । यह कैंसर एनस अर्थात गुदा में होता है। इसलिए इसे एनल कैंसर या गुदा कैंसर के नाम से भी जाना जाता है।
शरीर का वह हिस्सा एनस या गुदा होता है जहाँ से मल त्याग किया जाता है। यदि शुरू में ही इसके कैंसर का पता चल जाता है तो पीड़ित की जान बच सकती है।
गूदे में कैंसर होने के कई कारण हो सकते है हालाँकि गुदा कैंसर का होना दुर्लभ होता है।परन्तु इसके बारे में जानकारी रखना आवश्यक है ताकि सही समय पर इसका उपचार कर इस समस्या से निजात पाया जा सके। इसके लिए जानते है Anal Cancer in Hindi.
Anal Cancer in Hindi: जानिए इसके लक्षण, कारण, उपचार और सावधानिया
एनल कैंसर के लक्षण
एनल कैंसर के लक्षण शुरूआती तौर पर दिखाई नहीं देते है। परन्तु कुछ लक्षणों के द्वारा इसे पहचाना जा सकता है जो की निम्न है।
- ज्यादा मात्रा में खून का निकलना
- गुदे में सूजन आना
- गुदे में दर्द होना
- गुदा के समीप गाँठ का बनना
- गुदा के पास खुजली का होना
- मलाशय के दौरान रक्त स्त्राव होना
- मल त्याग में कठिनाई होना
- गुदे में किसी प्रकार का दबाव महसूस होना
- महिलाओ की योनि में सुखापन होना
- महिलाओ में पीठ के निचले भाग में अधिकतर दर्द की समस्या का रहना
एनल कैंसर के कारण
- एनल कैंसर महिला और पुरुष किसी को भी हो सकता है।
- जो लोग धूम्रपान अधिक करते है उन्हें इस कैंसर के होने का खतरा रहता है।
- 60 साल से ज्यादा उम्र के पुरुष और 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओ में यह कैंसर ज्यादा देखा जाता है।
- गुदा सेक्स के कारण भी एनल कैंसर के होने की सम्भावनायें रहती है।
- जिन लोगो को HIV होता है उन्हें भी इसका खतरा रहता है, साथ ही उनके द्वारा पार्टनर को भी यह कैंसर हो सकता है।
- HPV संक्रमण के होने पर भी एनल कैंसर हो सकता है।
- शोध में पाया गया है की HPV वाइरस के कारण 80 प्रतिशत लोगो को एनल कैंसर होता है।
- यदि किसी महिला को पहले से ही ग्रीवा कैंसर हो तो उसे भी एनल कैंसर होने की सम्भावनाये रहती है साथ ही यदि पुरुषों में Penile कैंसर होता है तो भी एनल कैंसर की समस्या हो सकती है।
- एक से अधिक व्यक्तियों के साथ संबंध बनाने से भी एनल कैंसर का खतरा रहता है।
- जिन लोगो में प्रतिरोधक क्षमता की कमी होती है उन्हें भी एनल कैंसर हो सकता है।
- बवासीर फिस्टुला, इरिटबल बोवाले डिसीज़(IBD) और गुदा अंगो में सूजन बने रहने के कारण भी एनल कैंसर होता है।
उपचार
- एनल कैंसर के उपचार के लिए चिकित्सक गुदा का परीक्षण करते हैं।
- इन परीक्षणों में एंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड, शारीरिक परीक्षण और बायोप्सी किया जाता है।
- इसके अतिरिक्त गुदा के परीक्षण के लिए MRI स्कैन, Ultra Sound स्कैन, और CT Scan भी किया जाता है।
- साथ ही इनके जो उपचार किये जाते है उसमे विकिरण चिकित्सा, सर्जरी और कीमोथेरपी शामिल होते है।
- Abdominoperineal Resection के जरिये भी एनल कैंसर का उपचार किया जाता है।
बाइयाप्सी
- यह एक प्रकार की सर्जरी होती है इसमें टिश्यू के नमूनों को हटाया जाता है।
- इस सर्जरी में माइक्रोस्कोप का उपयोग किया जाता है जिसके द्वारा कैंसर होने की जाँच की जाती है।
एंडोस्कोपी
- एंडोस्कोपी में चिकित्सक गुदा, बड़ी आँत और मलाशय की जाँच करते है।
- इसकी जाँच करने के लिए लेंस और वीडियो कॅमरा के साथ साथ एक रोशन ट्यूब का भी प्रयोग किया जाता है।
उपचार के लिए उपयोग होने वाली तकनीके
कीमोथेरपी
इस थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं में होने वाली अनियंत्रित वृद्धि को रोका जाता है। साथ ही इसमें दवाओं का उपयोग किया जाता है।
सर्जरी
सर्जरी के द्वारा संक्रमित उत्तको और ट्यूमर को ऑपरेशन के जरिये दूर करते है।
कैंसर किस प्रकार का है इस पर ही सर्जरी निर्भर करती है।
विकिरण चिकित्सा
इस चिकित्सा पद्धति में कैंसर कोशिकाओं को ख़त्म करने हेतु हाइ पवर की x-rays विकिरणों का उपयोग किया जाता है।
सावधानियां
शौच के परिवर्तन पर ध्यान दे
- यदि आपके सामान्य रूटीन में कुछ परिवर्तन आता है तो उस पर ध्यान दे। यदि आप कम या फिर जरुरत से ज्यादा शौच जा रहे है तो इसे नजर अंदाज न करे।
- यदि इस प्रकार का परिवर्तन अधिक समय तक रहता है तो डॉक्टर से परामर्श करे।
पाइल्स समझकर अनदेखा न करे
- अधिकतर लोग गुदा के हिस्से में गाँठ होने पर उसे पाइल्स समझ कर नजर अंदाज कर देते है।
- आपको बता दे की एनल का कैंसर पाइल्स की समस्या और आकार में भी बढ़ता है यह इसके लक्षण भी हो सकते है।
- गुदा में दर्द, खुजली और सूजन होने पर डॉक्टर को दिखाए।
आपको बता दे की विवाहित पुरुषों की तुलना में अविवाहित पुरुषों में एनल कैंसर के होने की सम्भावनाये 6 गुना ज्यादा होती है।
उपरोक्त लक्षणों में से यदि कोई लक्षण आपको महसूस होते है तो इसके लिए देर न करे तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क करे क्योंकि इसका सही समय पर उपचार होना आवश्यक होता है तभी इसे दूर किया जा सकता है। यदि आपके आसपास भी कोई व्यक्ति इससे पीड़ित है तो उसे भी डॉक्टर से जाँच की सलाह ज़रूर दे।