Bitilasana: बितिलासन (Cow Pose) कैसे किया जाता है और इसे करने से क्या फायदे मिलते हैं?
हमारे देश में योग का चलन प्रचीन काल से चला आ रहा है। योग को बहुत सारे लोग एक विज्ञान की तरह भी देखते हैं। इसके द्वारा हम अपने शरीर की ना सिर्फ स्वस्थ रख सकते हैं बल्कि इसके नियमित अभ्यास से हम लम्बे समय तक निरोग भी बने रह सकते हैं। Yoga में बहुत सारे आसन उपलब्ध होते हैं जो अलग अलग बीमारियों को तो खत्म करता ही है साथ ही हमारे शरीर को जवान बनाये रखने के लिए भी मददगार होता है। इन आसनों के नियमित अभ्यास के माध्यम से हम हर प्रकार की शारीरिक परेशानियों से आराम प्राप्त कर सकते हैं।
इन्हीं योग के फ़ायदेमंद आसनों में से एक होता है बितिलासन। बितिलासन का नाम दरअसल संस्कृत के एक शब्द बितिला से उद्धृत किया गया है, आपको बता दें की बितिला का हिंदी अर्थ गाय होता है। इस आसन के अभ्यास के दौरान योग करने वाले व्यक्ति के शरीर की आकृति गाय की आकृति के समान नजर आने लगती है और इसी कारण से इस आसन का नाम Bitilasana रखा गया है। आज के लेख में हम आपको इसी आसन के बारे में बताने जा रहे हैं।
आमतौर पर योग के ज्यादातर आसनों के अभ्यास के पहले ये सुनिश्चित कर लेना चाहिए की आपका पेट साफ़ हो। बितिलासन के अभ्यास से पहले भी आपके पेट का साफ़ होना बहुत जरूरी होता है। यदि आपने कुछ खाया हुआ हो तो इस Asana के अभ्यास से पहले कम से कम 4 घंटे का अंतर ज़रुर रखें। खाली पेट आसान करने से शारीरिक लाभ ज्यादा मिलता है और किसी प्रकार की परेशानी का भी सामना नहीं करना पड़ता है।
इस आसन को Marjariasana के साथ कई अलग तरीके से भी किया जा सकता है। इस आसन का नियमित अभ्यास करने से आपका शारीरिक तनाव बिलकुल मुक्त हो जाता है, साथ ही इसे करने से आपके घुटनो में होने वाले दर्द की परेशानी से भी आराम मिल जाता है। इस आसान के और भी बहुत सारे फायदे हैं जिसे आज के लेख में हम विस्तार से जानेंगे। पढ़ें Bitilasana.
Bitilasana: कैसे किया जाता है बितिलासन का अभ्यास? जानें इसे करने की विधि
How to Do Bitilasana: बितिलासन कैसे करें?
- बितिलासन को अंग्रेजी में Cow Pose के नाम से भी जाना जाता है।
- इस आसान को करते समय योग करने की शारीरिक Mudra एक गाय की तरह हो जाती है और इसी वजह से इसे अंग्रेजी में Cow Pose कहा जाता है।
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले किसी समतल स्थल पर एक आरामदायक आसन बिछा लें।
- अब अपने घुटनों के बल पर खड़े हो जाएँ और अपने हाथों को भी जमीन पर टिका कर रखें, इस दौरान आपके शरीर की आकृति एक टेबल के समान होनी चाहिए।
- ध्यान रहे की आपके दोनों घुटने आपके कूल्हों के नीचे होने चाहिए, और आपकी कलाई आपके कंधों के नीचे एक ही पंक्ति में होना चाहिए।
- अभी अपने सिर को फ्री छोड़ दें और फर्श पर धीरे से देखें।
- अब साँस लेते हुए अपने नितंबों को आसमान की तरफ ऊपर की ओर उठाएं।
- इस दौरान अपने सीने को खुलने दें और पेट को जमीन की ओर खींचने दे।
- अब अपने सर को उठाये और कुछ सेकण्ड्स के लिए आगे दीवार पर या फिर छत की तरफ देखे।
- कुछ सेकंड के लिए इस मुद्रा में बने रहें और फिर इस मुद्रा से बाहर निकल जाएँ और टेबल टॉप स्थिति में वापस आ जाएँ।
- अब सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे अपनी सामान्य मुद्रा में वापिस आ जाए।
Cow Pose Benefits: बितिलासन के फायदे
- योग में उपलब्ध हर आसन के बहुत सारे स्वास्थ सम्बन्धी फायदे होते हैं।
- बितिलासन के भी बहुत सारे फायदे आपको देखने को मिलते हैं।
- इसके नियमित अभ्यास से तनाव जैसी मानसिक समस्याओं से निजात मिल जाती है।
- यह आपके शरीर में होने वाले पीठ दर्द को कम करता है और साइटिका आदि समस्याओं से निजात दिलाने में भी मदद करता है।
- यह आसान आपकी रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में मदद करता है साथ ही इससे आपकी पीठ के तनाव और खिंचाव की समस्या में भी लाभ मिलता है। इसके नियमित अभ्यास से आपकी रीढ़ की हड्डी लचीली बन जाती है।
- इस योग के माध्यम से आपके आंतरिक अंगो की मालिश हो जाती है और इससे पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण की क्रिया को बढ़ावा मिलता है और यह क्रिया सुचारू रूप से चलती रहती है।
- इस आसन की मदद से गर्दन और धड़ के सामने वाले भाग में खिचाव उत्पन्न कर उन्हें लचीला बनाया जाता है।
बितिलासन में बरती जाने वाली सावधानियां
- बितिलासन के अभ्यास के समय कुछ सावधानियां बरतने की भी जरुरत होती है।
- अगर आप Yoga Asanas किसी विशेषज्ञ की देख रेख में कर रहे हैं तब तो कोई बात नहीं पर अगर आप ये आसान खुद से कर रहें हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखने की जरुरत पड़ती है।
- यदि आपको गले, पीठ या गर्दन में चोट या अधिक दर्द है तो इस आसन का अभ्यास करना आपके लिए नुक़सानदेह भी हो सकता है इसलिए ऐसे समय में आप इस आसान का अभ्यास ना करे।
- कोशिश करें की इस आसन को अपनी क्षमता अनुसार हीं करे, हद से ज्यादा करने की कोशिश बिलकुल ना करे। ऐसा करने पर आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
नए योगकर्ता ध्यान रखें
- अगर आप Yoga Aasan पहली बार कर रहे हैं या फिर आपने नया नया योग करना शुरू किया है तो इस आसान का अभ्यास करते समय कुछ बातों का ध्यान आपको ज़रूर रखना चाहिए।
- आपको इस आसान को करते समय अपने गर्दन का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
- इस आसान के अभ्यास के दौरान आप अपनी गर्दन को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और सजग रहें।
- इसके लिए आप अपने कंधे से जुड़े व्यायाम करें जिसमे आप अपने कंधे को ऊपर और नीचे की तरफ लाएं।
- ऐसा करने से आपकी गर्दन में मज़बूती आएगी।
आपने इस लेख में पढ़ा योग की विधा का एक महत्वपूर्ण आसान। इस आसान के माध्यम से आप रह सकते हैं हमेशा सेहतमंद और साथ हीं इसके माध्यम से आप अपने तनाव और मानसिक परेशानियों से भी पा सकते हैं निजात। तो आप भी इस आसान का अभ्यास कर के इसके लाभ का फायदा ज़रूर उठायें।