What is Cardiac Arrest In Hindi: क्या है कार्डियक अरेस्ट? और इससे कैसे बचे?

अचानक से आने वाला अटैक हार्ट अटैक नहीं बल्कि कार्डियक अरेस्ट होता है। जिसके आने से मनुष्य की कुछ ही सेकंड में मौत हो जाती है। इसमें और हार्ट अटैक में बहुत ही कम फर्क होता है और ज्यादातर लोगो यह फर्क समझ भी नहीं पाते है।

यह अचानक से आता है और इसके पहले शरीर में कुछ खास चेतावनी भी नहीं मिलती है। हाल ही में बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी का भी इसी वजह से निधन हो गया है।

कार्डियक अरेस्ट में दिल की धड़कने अचानक से रुक जाती है और साथ ही बॉडी के दूसरे पार्ट्स में ब्लड जाना बंद हो जाता है। कार्डियक अरेस्ट दिल में धड़कने के अनियमित होने की वजह से होता है और फिर धीरे धीरे ब्लड का संचार रुक जाता है।

जिससे की मनुष्य बेहोश हो जाता और फिर धड़कने बंद हो जाती है और इस स्टेज पर भी इसका इलाज नहीं होता है तो उस व्यक्ति की मौत निश्चित है। यहाँ हम आपको इससे जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दे रह है। तो जरूर पढ़े What is Cardiac Arrest In Hindi.

What is Cardiac Arrest In Hindi: कार्डियक अरेस्ट को पहचाने और इसका उपचार जाने

What is Cardiac Arrest

अमेरिका हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक 95% कार्डियक अरेस्ट के मरीज हॉस्पिटल पहुंचने के पहले ही अपनी ज़िन्दगी खो चुके होते है। इसलिए अगर आप भी अपने आस पास कोई ऐसा मरीज देखे तो उसे सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससाइटेशन) दे।

इसमें आप मरीज को मुँह से साँस दे सकते है या फिर मरीज के चेस्ट को थपथपाना चाहिए। कार्डियक अरेस्ट आने पर अगर पीड़ित व्यक्ति को सीपीआर देना शुरू कर देते है तो कई लोगो को मौत से बचाया जा सकता है।

फोर्टिस हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. पीयूष जैन का कहना है कि अगर जब भी की व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट होता है तो लोग उसे हार्ट अटैक समझने की गलती कर देते है। आप ऐसी गलती ना करें और विस्तार से जाने कार्डियक अरेस्ट के बारे में।

कैसे पहचाने कार्डियक अरेस्ट?

  • वैसे तो कार्डियक अरेस्ट में शरीर को पहले से कोई चेतावनी नहीं मिलती है जब की हार्ट अटैक में कुछ न कुछ चेतावनी पहले ही मिल जाती है।
  • लेकिन फिर भी आप 3 संकेत पहचान ले तो आप मरीज को समय रहते ठीक कर सकते है।
  • कई बार कार्डियक अरेस्ट में मनुष्य अपने होश खो देता है और इस वजह से वो अचानक से बेहोश हो जाता है।
  • ऐसे में अगर आप उस इंसान के कंधो को थपथपा रहे है और फिर भी वो होश में नहीं आ रहा है तो ये कार्डियक अरेस्ट हो सकता है ।
  • कार्डियक अरेस्ट में मनुष्य लम्बी लम्बी सांसे लेता है नॉर्मल साँस नहीं ले पाता है।
  • दिल की धड़कने अचानक से तेज़ हो जाना।
  • पल्स एकदम से रुक जाती है शरीर से बाकी हिस्सों में खून का संचार बंद हो जाता है।
  • ब्लड प्रेशर भी रुक जाता है।
  • नब्ज रुक जाना या फिर नहीं आना, सीने में जलन होना और धड़कनो का अचानक से तेज़ हो जाना फिर रुक जाना।

कार्डियक अरेस्ट में मरीज की मदद कैसे करे?

  • एलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के एडिशनल डायरेक्टर अपर्णा जायसवाल ने फोर्टिस एस्कॉटर्स हार्ट इंस्टिट्यूट में अपने सम्बोधन में कहा है कि ऐसे में मरीज को सबसे पहले सीआरपी देना शुरू करे।
  • अब आपातकालीन नंबर पर फ़ोन करे जिससे की जल्दी ही डॉक्टर की सेवा मिल सके।
  • अगर सीआरपी सही तरीके से दी जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।
  • सीआरपी सही तरीके से देने से बॉडी में ब्लड और ऑक्सीजन पहुंचता रहता है।
  • और अगर आपके पास एम्ब्यूलेटरी एक्सटर्नल डीफाइब्रलेटर (एइडी) का डिवाइस है तो आप मरीज को बचा सकते हो।
  • मरीज की हार्ट बीट स्लो होने पर उसे तुरंत पेसमेकर लगाया जाए तो जान बचाई जा सकती है।
  • सडन कार्डिअक अरेस्ट में होने वाली डेथ से बचने के लिए इम्प्लान्टबल कार्डियोवर्टर डीफाइब्रलेटर (आईसीडी) का भी इस्तेमाल कर सकते है।
  • ध्यान रखे कि किस व्यक्ति को आईसीडी की जरूरत है और उसे ये कब लगाना चाहिए।
  • अगर मरीज कभी आर्टरी डिजीज, हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, या असामान्य दिल की धड़कन की समस्या से पहले से परेशान है तो आपको भी अपने डॉक्टर्स से आईसीडी के बारे में पूछना चाहिए।
  • जिससे की आप उसे सही समय पर इस्तेमाल कर सके।
  • कार्डियक अरेस्ट में आप इम्प्लान्टबल कार्डियोवर्टर डीफाइब्रलेटर का भी इस्तेमाल कर सकते है।
  • इम्प्लान्टबल कार्डियोवर्टर डीफाइब्रलेटर एक मशीने है जिसको चेस्ट पर लगाने से आप दिल की धड़कनो को सामान्य कर सकते है और साथ ही मौत के खतरे को कम कर सकते है।
  • इस मशीन की पाइप दिल की धड़कनो को रिकॉर्ड करती है।
  • और यह एक इलेक्ट्रिकल झटका देती है जिससे की दिल की धड़कनो को नियंत्रित किया जा सके।

कार्डियक अरेस्ट आने के कारण

  • कार्डियक अरेस्ट आने का सबसे बड़ा कारण होता है ह्रदय की धड़कनों का असामान्य हो जाना।
  • इसमें व्यक्ति को वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन (वीएफ) हो जाता है, और यह तब होता है जब ब्लड में फाइब्रिनोजन कई ज्यादा मात्रा में हो जाता है।
  • जिसकी वजह से शरीर के दूसरे हिस्सों में ब्लड का संचार बंद हो जाता है।

जाने हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर

  • हार्ट अटैक में अचानक से मांसपेशियों में संचार बंद हो जाता है लेकिन शरीर के बाकि हिस्सों में खून का संचार होता रहता है।
  • जबकी कार्डियक अरेस्ट में शरीर के बाकि हिस्सों में रक्त संचार बंद हो जाता है।
  • हार्ट अटैक में मनुष्य होश में रहता है और साथ ही सिर्फ ह्रदय में समस्या होती है।
  • जबकी कार्डियक अरेस्ट में मनुष्य अपनी सुद-भूद खो देता हो और बेहोश हो जाता है।
  • कार्डियक अरेस्ट में बेहोश होने के बाद मनुष्य कोमा में चले जाता है।

अगर आपके आसपास भी कोई ऐसा मरीज हो तो आपको भी हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर पता होना चाहिए। जिससे की आप उस व्यक्ति को बचा सके और सही समय पर एक सही उपचार दे कर उसकी मदद कर सके।

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