Eka Padasana Yoga: शरीर में संतुलन स्थापित करने में मददगार एक पादासन
एक पादासन योग, एकपाद आसन या एकपादासन इनका अर्थ होता है एक पैर से किया जाने वाला योग आसन। इसे अंग्रेजी में One Legged Posture या One Foot Posture भी कहते है। शरीर में संतुलन लाने के यह एक बहुत फ़ायदेमंद आसन माना जाता है।
योग के अंतर्गत ऐसे कई आसन आते है जिनसे शरीर का संतुलन बेहतर होता है। लेकिन एक पादासन के अभ्यास से शरीर में संतुलन तो आता ही साथ ही साथ पैरो और पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव लाने में भी यह आसन बहुत मददगार साबित होता है।
जिन लोगो में एकाग्र होने की शक्ति बहुत ज्यादा कमजोर होती है उन्हें इस आसन का अभ्यास ज़रूर करना चाहिए। यदि आप इस आसनका अभ्यास नियमित तौर पर करते है तो यह आपके किसी भी विषय पर फोकस करने की क्षमता को बढ़ा देता है।
यह आपके शरीर में मौजूद मांसपेशियों को विकसित करता है। इस करने से आपके कंधे और कलाई भी मजबूत होते हैं। जब इस आसन को करने के इतने फायदे है तो चलिए हम Eka Padasana Yoga की विधि और इसके फायदे को जान लेते है।
Eka Padasana Yoga: जाने इसकी विधि, फायदे और सावधानियां
एक पादासन कैसे करे?
- सबसे पहले फर्श पर कोई कंबल या फिर योग मैट को बिछा लें।
- अब उस मैट के ऊपर बिलकुल सीधे हो कर खड़े हो जाएं।
- इस समय आपकी मुद्रा सावधान की मुद्रा होनी चाहिए।
- अपने दोनों पांव के पंजों को पास पास रख कर अपनी बॉडी को शिथिलता प्रदान करने की कोशिश करें।
- इस वक्त आपका शरीर ताड़ासन की मुद्रा में होना चाहिए ।
- अपनी कमर को सीधा रखें और फिर पांच फिट की दूरी पर किसी चीज पर ध्यान केंद्रित कर दें।
- अब अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर आसमान की तरफ उठाएं और अपनी हथेलियों को जमीन की तरफ रखते हुए अपनी सारी उंगलियों को फैला लें।
- अब अपने धड़, सिर तथा हाथों को एक सीध में रख कर अपने हिप्स से धीमे धीमे सामने की तरह झुकें।
- आपको 90 डिग्री के कोण में झुकना है।
- जब आपकी बॉडी इस मुद्रा में संतुलित महसूस करने लगे और आपके कंट्रोल में आ जाये तब धीरे से अपने बायें पांव को स्ट्रेट रखते हुए पीछे की तरफ उठाएं और इस दौरान यह प्रयास करें कि आपका पांव धड़ की सीध में हो।
- इस दौरान आपके दोंनों हाथ, सिर, पीठ, कमर और पांव सारे अंग बिल्कुल एक सीधी रेखा में नजर आने चाहिए।
- आपका बॉडी इस समय दायें हिप्स के जोड़ पर सधा रहेगा।
- आपका दायां पांव इस दौरान सीधा और बिलकुल लंबवत रहेगा।
- इस योग के अभ्यास के दौरान अब अपनी नजरों को अपने दोनों हाथों पर केंद्रित करें।
- यह इस योग के अभ्यास की आखिरी मुद्रा है।
- जब तक आपका शरीर सक्षम हो आप इस आखिरी मुद्रा में अपनी क्षमता के मुताबिक़ रुकें रहें।
- फिर धीमे धीमे अभ्यास की शुरूआती मुद्रा में वापिस लौट जाएं।
- इसी प्रक्रिया को अब आप अपने दायें पांव के साथ भी दोहराएं।
अभ्यास के दौरान साँसों की स्थिति
- Ekapadasana योग के अभ्यास के वक़्त जब आप अपनी दोनों होठों को ऊपर आसमान की तरफ उठाते हैं, उस वक़्त सांस लिया जाता है और जब आगे की ओर धड़ को घुमाया जाता है उस अवस्था में सांस को छोड़ा जाता है।
- ध्यान दें अभ्यास की आखिरी अवस्था में आपको अपनी सांस को बिलकुल सामान्य बना के रखना होता है।
- जब आप अपने बॉडी को इस योग के अभ्यास की प्रारंभिक मुद्रा में वापस लौटा के लाते हैं, उस वक़्त फिर सांस लिया जाता है।
- दोनों हाथों को नीचे की तरफ लाते वक़्त फिर सांस को छोड़ दिया जाता है।
कितनी अवधि तक करे ये योग
- वैसे तो इस योग का अभ्यास बहुत हीं सरल होता है। पर अगर आप नए नए योग का अभ्यास कर रहे हैं हैं तो आपको किसी के मार्गदर्शन में ही इसका अभ्यास करना चाहिए।
- नये नए अभ्यास करने वाले अगर शुरुआत में एक-एक पांव से एक-एक बार भी करें तो यह अच्छा माना जायेगा।
- जब आप इस योग के अभ्यास को करते समय अपने ऊपर नियंत्रण स्थापित करने लग जाएँ तब आप इसे अपने दोनों पांवों से तीन-तीन बार दोहरा सकते हैं।
- आखिरी मुद्रा में अपनी क्षमता के मुताबिक़ अधिक-से-अधिक समय तक रुकने की कोशिश करें।
एक पादासन के लाभ (Eka Padasana Benefits)
- एक पादासन का नियमित अभ्यास करने से शरीर के अंग दृढ़ होते हैं।
- यह शारीरिक स्वास्थ्य सुधारने के साथ साथ मानसिक संतुलन सुधारने में भी मददगार है।
- जो लोग इसे रोज करते है उन्हें कमर और पिंडलियों का दर्द से निजात मिलती है।
- इससे पीठ और हिप्स की मांसपेशियों में खिचाव होता है। साथ ही पीठ दर्द में लाभ मिलता है।
- इसके अभ्यास को नियमित रूप से करने पर भुजाओं, कंधों, कलाइयों, और पैर की पेशियों को नहीं मज़बूती मिलती है।
- पीठ के निचले हिस्से को इस योग से बहुत हद तक मजबूत बनाया जा सकता है साथ ही इससे आपकी तंत्रिका तंत्र भी संतुलित हो जाती है।
- इसके नियमित अभ्यास से बॉडी के साथ-साथ मन पर भी एक प्रकार का कंट्रोल हो जाता है।
- यह अभ्यास हर आयुवर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद होता है। बड़ों के साथ साथ इसका अभ्यास स्कूल जाने वाले बच्चे भी कर सकते हैं।
एक पादासन में सावधानियां
- जिन लोगो को उच्च रक्तचाप की समस्या है उन लोगो को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- सर्वाइकल की समस्या परेशान लोगों को भी इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- इसके अलावा गंभीर दृष्टि दोष से पीड़ित लोगों का भी इस योग को करने से बचना चाहिए।
इस लेख के माध्यम से आपको एक पादासन योग के बारे में बहुत सारी उपयोगी जानकारियाँ मिली। आपने जाना इस योग को कैसे करते हैं, इसमें रखी जाने वाली सावधानियां और इसके फायदे। आपको भी अपने लाइफ में इस योगासन को शामिल कर के इसके लाभ उठाने चाहिए। इसके नियमित अभ्यास से आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे।