Malaria Symptoms In Hindi: मलेरिया बुखार के प्रमुख लक्षणों को पहचाने
आजकल व्यक्ति अपनी भागदौड़ भरी लाइफ में इतना व्यस्त रहता है की खुद के शरीर का ध्यान रखना भूल जाता है। जिसके कारण वो कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो जाता है। आजकल तो ऐसी कई सारी ऐसी बीमारियाँ होने लग गई हैं जिनके लक्षण का व्यक्ति को पता ही नहीं रहता या पता नहीं चल पाता है और बाद में यह बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है।
आज के समय में मौसम का अचानक बदलना भी कई सारी बीमारियों का कारण बन रहा है। जैसे सर्दियों के मौसम में हम सर्दी और जुकाम का शिकार हो जाते है। ठीक उसी तरह बरसात के मौसम बारिश की वजह से घरों के आस- पास पानी इकट्ठा हो जाता है और उसमें मच्छर, मक्खी व कीड़े पनपने लगते है। परन्तु इनमें से सबसे अधिक परेशानी की जड़ मच्छर होते है। इनसे कई बीमारियाँ होती हैं जैसे की डेंगू, मलेरिया, चिकुनगुनिया, हैजा, डायरिया, पीलिया आदि। बरसात के मौसम के आते ही मच्छरों से होने वाले रोग बढ़ने लगते है क्योंकि इस समय इनकी तादाद बढ़ जाती है।
जहाँ पर भी गंदगी या कीचड़ होता है वही मच्छर ज्यादा तादाद में पाए जाते है। मच्छर आसपास हो तो बहुत इरिटेशन होता है। मच्छरों को खतरनाक बनाने के पीछे होते हैं बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट्स जो कि बीमारियों का कारण बनते हैं। आज बाते करते Malaria के बारे में। यह बीमारी मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलने वाला रोग है। यह मादा मच्छर गंदे पानी में पनपते है। यह मच्छर ज्यादातर रात में ही काटते है। इस बीमारी के लक्षण का व्यक्ति को पता ही नहीं चल पाता है।
एनाफिलीज मच्छर के काटने से मनुष्यों के रक्त प्रवाह में वायरस संचारित होता हैं। जिसके कारण यह वायरस लिवर में बढ़ते जाते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं को धीरे धीरे प्रभावित करते हैं। इस बीमारी के होने पर तेज बुखार आना, ठंड लगना, उलटी होना आदि कई सारे लक्षण दिखाई देते है। आज इस आर्टिकल में जानते Malaria ke Lakshan कौन कौन से होते है और मलेरिया को किस तरह ठीक किया जा सकता है। आइये जानते है Malaria Symptoms In Hindi.
Malaria Symptoms In Hindi: मलेरिया की समस्या के लक्षण क्या हैं, जाने इसके उपचार
मलेरिया कैसे फैलता है?
- मलेरिया दरअसल मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। मलेरिया परजीवी की छह अलग-अलग प्रजातियां होती हैं जो मनुष्यों में मलेरिया का कारण बनती हैं।
- यह छह प्रजातियां हैं प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम, प्लास्मोडियम विवैक्स, प्लास्मोडियम ओवले कर्टिसी, प्लास्मोडियम ओवले वालिकेरी, प्लास्मोडियम मलेरिया।
- इनमे से प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम और प्लास्मोडियम विवैक्स मनुष्यों को संक्रमित करने वाले सबसे सामान्य प्रकार के मलेरिया परजीवी हैं।
- कभी-कभी मलेरिया रक्त संक्रमण द्वारा फैलता है। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति द्वारा ब्लड ट्रांसफर के जरिये दूसरे व्यक्ति में भी संप्रेषित हो सकते हैं।
क्या हैं Malaria Symptoms?
यदि आपको किसी परजीवी ने काटा है तो इसके लक्षण 8 से 10 दिन के अंदर नजर आते हैं। मलेरिया के कई सारे लक्षण होते है। इन लक्षणों से आप ये जान सकते है व्यक्ति मलेरिया से ग्रस्त तो नहीं है। आइये जानते है इनके लक्षणों को..
बुखार
- मलेरिया का सबसे प्रमुख लक्षण है बुखार आना है। इसमें व्यक्ति को ठंड लगने के साथ साथ बुखार आता है।
- बहुत तेज बुखार (104-105 F) जो की 2-4 दिन तक लगातार रहता है। इसमें कभी कभी बुखार आता जाता रहता है।
- ठंढ लग कर बुखार आता है और पसीने के साथ बुखार उतर भी जाता है।
सर दर्द होना
- इसमें व्यक्ति को ठंड और बुखार की वजह से सर तेज दर्द होने लगता है और यदि बुखार ज्यादा दिन रहता है तो दर्द बढ़ जाता है।
- इसके कारण कभी कभी बदन में भी दर्द होने लग जाता है।
बार बार प्यास लगना
- इसके कारण शरीर में पानी की कमी होने लग जाती है।
- साथ ही इससे व्यक्ति को बार बार प्यास भी लगने लग जाती है।
हाँथ-पाँव में ऐंठन
- कई युवाओं या बच्चों में दिमागी मलेरिया की संभावना ज्यादा पाई जाती है।
- इसमें दिमाग में रक्त की आपूर्ति में कमी आ जाती है, ज्यादा असर होने पर हाथ-पाँव में अजीब सी ऐंठन भी आ जाती है।
आँखें लाल होना
- बुखार की वजह से व्यक्ति की नींद पूरी नहीं होती है जिसके कारण आँखें लाल होने लगती है।
- कभी कभी तो इसके कारण आँखों में जलन और दर्द की समस्या भी होने लग जाती है।
उलटी व दस्त
- Malaria Bukhar में व्यक्ति को उलटी होना या जी मचलने की शिकायत होती है।
- शरीर में वायरस फैलने की वजह से पाचन क्रिया खराब हो जाती है जिसके कारण दस्त होने लगते है और पेट खराब हो जाता है।
थकान होना
- हमारे रक्त में ग्लूकोज की कमी होने से हमारा शरीर कमजोर होने लगता है जिसके कारण थकान महसूस होने लगती है।
- इसके अलावा उलटी व दस्त के कारण भी शरीर कमजोर हो जाता है।
मलेरिया का उपचार: Malaria ka Ilaj
- मलेरिया का उपचार, तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स, बुखार को नियंत्रित करने के लिए दवाओं, एंटीमैलेरियल दवाओं और उपायों के साथ किया जाता है।
- मलेरिया के उपचार के लिए जिस प्रकार की दवाएँ उपयोग की जाती हैं, वह रोग की गंभीरता और क्लोरोक्वीन प्रतिरोध की संभावना पर निर्भर करती है।
- दवाएँ जैसे- क्लोरोक्विन, कुनेन की दवा, Hydroxychloroquine, डॉक्सीसाइक्लिन आदि।
मलेरिया के घेरलू उपचार
- आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपचार बताने जा रहे है जिनकी मदद से आप मलेरिया से अपना बचाव कर सकते हैं।
- दालचीनी में एंटीऑक्सिडेंट और रोगाणुरोधी गुण मलेरिया के लक्षणों से निपटने में मदद करते हैं। गर्म पानी में दालचीनी और काली मिर्च पाउडर मिलाएं और रोज दिन दो बार पियें।
- संतरे के रस में विटामिन सी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है। यदि आप मलेरिया से संक्रमित हैं तो रोज 2 से 3 गिलास ताजा संतरे के रस का सेवन करें आपको जल्दी आराम मिलेगा।
- सुबह-सुबह रोज 10 ग्राम तुलसी के पत्तों और 4 काली मिर्चों को पानी में पीसकर सुबह और शाम पीने से मलेरिया बुखार ठीक होता है ।
- अदरक में रोगाणुरोधी के गुण होते है जो दर्द से राहत दे सकते है और मतली का भी इलाज कर सकते हैं। इसलिए अदरक वाली चाय का सेवन करें।
- मेथी के बीज एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर होते हैं। आप मेथी के बीजों को पानी में घोलकर पी सकते हैं।
- मलेरिया के बुखार होने पर प्याज का रस बेहद फ़ायदेमंद होता है। काली मिर्च के पाउडर को प्याज के रस में मिलाकर दिन में 3 बार पीएं।
इसके अलावा भी Malaria ki Dawa के लिए आप आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल कर सकते है। यदि बुखार जल्दी ठीक नहीं हो रहा है तो एक बार डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें वरना मलेरिया आपके लिए एक जानलेवा बीमारी साबित हो सकती है।