Benefits of Breastfeeding: स्तनपान माँ और शिशु दोनों के लिए है होता है लाभकारी
शिशु के लिए माँ का दूध किसी वरदान से कम नहीं होता है। माँ का दूध बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। Breastfeeding Baby ज्यादा तेजी से विकास करते हैं। इसलिए शुरू के छह महीने शिशु को केवल माँ का दूध ही पिलाने की सलाह दी जाती है।
माँ के दूध से बच्चे को सभी पोषक तत्व प्राप्त हो जाते है और बच्चों को रोगों से लड़ने की ताकत भी मिलती है। इसके साथ ही इससे शिशु की प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होता है। इसलिए नियमित रूप से स्तनपान कराना बहुत जरूरी है।
यह माँ और बच्चे दोनों के लिए लाभकारी होता है। Breastfeeding से शिशु को तो फायदा होता ही है साथ ही साथ Breast Feeding कराने वाली माँ को भी इसके कई फायदे मिलते है।
आज के इस लेख में हम आपको बता रहे है कि स्तनपान से क्या क्या फायदे हो सकते है। इसके लिए आइये जानते है Benefits of Breastfeeding के बारे में विस्तार से।
Benefits of Breastfeeding: स्तनपान दिलाए कई रोगों से मुक्ति और बच्चे को रखे हेल्दी
आइये जानते हैं Advantages of Breastfeeding क्या क्या हो सकते हैं?
वजन कम करने में लाभकारी
- यह देखा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान महिला का वजन बढ़ जाता है और शिशु को जन्म देने के बाद भी वजन बढ़ा रहता है। वजन के बढ़ने से महिला का शरीर फिट नहीं रहता है। परन्तु यदि महिला शिशु को नियमित रूप से स्तनपान कराती है तो इससे महिला के वजन में कमी आती है।
- स्तनपान महिला का मोटापा दूर करने में मदद करता है। स्तनपान कराते समय महिला के शरीर से अतिरिक्त कैलोरी की मात्रा कम होने लगती है। जिससे शरीर से मोटापा धीरे धीरे कम होने लगता है।
यौन रोगों से बचाव
- जर्मनी में की गई एक शोध में यह पता चला है कि जो महिलाएं बच्चों को स्तनपान कराती हैं उन्हें यौन संचारित रोग(SIDS) नहीं होता हैं।
- इतना ही नहीं, यदि शिशु एक महीने की उम्र का है और उसे स्तनपान कराया जाता है तो उसे भी यौन संचारित धूम्रपान करने वाली महिलाओं की अपेक्षा कहीं ज्यादा यौन संचारित रोग होने का खतरा बना रहता है।
मधुमेह रोग होने का खतरा होता है कम
- एक अध्ययन से पता चला है कि जो महिलाएं बच्चे को स्तनपान कराती है उन्हें टाइप 2 डायबिटीज जल्दी नहीं होती हैं।
- साथ ही इससे बच्चे को भी किशोरावस्था तक मधुमेह का खतरा नहीं होता है।
मां को कैंसर से बचाव
- एक अध्ययन में पाया गया है कि 6 से 24 महीनों तक जो महिलाएं लगातार बच्चे को स्तनपान कराती है उन्हें 11 से 25 प्रतिशत स्तन कैंसर होने की आशंका कम रहती है।
- लेकिन जो महिलाएं बच्चे को स्तनपान नहीं कराती हैं उन्हें गर्भाशय और स्तन कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसलिए महिलाओ को स्तनपान कराते रहना चाहिए।
माँ को रखे डिप्रेशन से दूर
- देखा गया है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को डिप्रेशन का भी खतरा रहता है लेकिन यह खतरा शिशु के जन्म लेने के बाद कम हो जाता है क्योंकि बच्चे का शरीर मां के शरीर के संपर्क में आ जाता है जिससे मां को एक अलग एहसास होता है।
- इसके अलावा इससे माँ के शरीर में ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन का उत्पादन ज्यादा होने की वजह से भी डिप्रेशन दूर हो जाता है।
लव हार्मोन का स्राव करने में सहायक
- जब महिला बच्चे को जन्म देती है तब उसके शरीर में खून की क्षति होती है। इसलिए जब वह शिशु को स्तनपान कराती है तो महिला के शरीर में खून दोबारा बनने लगता है।
- इसके अलावा इससे गर्भाशय भी अपने सामान्य आकार में आने लगता है।
- शरीर में ऑक्सीटोसिन और प्रोलैक्टिन नामक हार्मोन का स्राव भी स्तनपान कराने से होने लगता है जिसकी वजह से माँ को अपने शिशु पर प्रेम आता है।
उपरोक्त Stanpan Swasth Laabh के अतिरिक्त भी स्तनपान से शिशु और माँ को कई फायदे होते है जैसे
- प्लास्टिक की बोतल से दूध पीने पर शिशु के मुंह में बेक्टेरिया चला जाता है जो कि शिशु के लिए हानिकारक होते है। लेकिन यदि शिशु स्तनपान करता है तो उसे इस तरह की समस्या नहीं होती है बल्कि शिशु के दिमाग का विकास होता है।
- स्तनपान कराने से शिशु को निमोनिया जैसी बीमारी भी नहीं होती है।
- स्तनपान कराने से शिशु बचपन से ही स्वास्थ्य रहता है।
स्तनपान में बरते कुछ सावधानियां
स्तनपान कराना लाभकारी होता है परन्तु इसमें भी कुछ सावधानियों को अपनाना ज़रुरी होता है। जैसे कि –
- बच्चे को सदैव शांत माहौल में ही स्तनपान कराना चाहिए।
- जब भी स्तनपान कराएं उस समय बच्चे के कानों को साफ नहीं करना चाहिए।
- बच्चे को एक बार में एक ही स्तन से दूध पीलाएं और फिर दूसरे स्तन से दूध पिलाये
- जितना हो सके मां को अपने बच्चे को बेड पर लेटकर स्तनपान कराने से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से बच्चे को सिर घुमाकर स्तनपान करने में कठिनाई होती है और दूध भी बच्चे की नाक में जा सकता है।
- बच्चे को स्तनपान कराने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके स्तन पर कोई तैलीय पदार्थ तो नहीं लगा है। यदि लगा हो तो पहले इसे अच्छी तरह साफ करें फिर बच्चे को स्तनपान कराएं।
- शिशु को स्तनपान कराने के दौरान उसके मुँह पर दूध लग जाता है जो की कुछ देर बाद सुख कर पपड़ी की तरह जम जाती है। ऐसा होने से बच्चे के मुंह में संक्रमण का खतरा होता है। जब भी ऐसा हो तो बच्चे के मुंह को गीले कपड़े से पोछना चाहिए।
- स्तनपान कराने से शिशु और माँ के बीच एक गहरा सम्बन्ध बन जाता है जो दोनों को जोड़ने का कार्य करता है।
- स्तनपान करने से माँ और शिशु कम बीमार होते है। साथ ही बच्चा माँ के दूध को आसानी से पचा सकता है जिससे उसके पेट को भी फायदा होता है।
- बच्चों की बौद्धिक क्षमता के विकास के लिए स्तनपान करना लाभकारी होता है।
अब तो आप समझ गयी होंगी की स्तनपान कराना कितना लाभकारी होता है। यह बच्चे और माँ दोनों को स्वस्थ और तंदरुस्त रखता है। लेकिन कई महिलाओं को लगता है की स्तनपान कराने से उनका फिगर ख़राब होगा तो बता दे की यह सोचना गलत है। अपने शिशु के सही स्वास्थ्य के लिए बोतल के दूध के स्थान पर स्तनपान कराना शुरू करे। यह आपके और आपके शिशु दोनों के लिए फ़ायदेमंद रहेगा। साथ ही अपने परिचित को भी इसके फ़ायदों के बारे में ज़रुर बताएं।