Pero Me Sujan: इन कारणों से बढ़ती है पैरों में सूजन की बीमारी

आज के समय में पैरों में सूजन आ जाना आम सी बात हो गयी है। खासकर यह परेशानी युवाओं को ज्यादा परेशान कर रही है। शोध के मुताबिक लगभग 7% युवा इससे परेशान है।

वैसे तो ये कोई बड़ी बीमारी नहीं है किंतु इसकी वजह से कई प्रकार की तकलीफें आपको हो सकती है। पैरो की नसों में सूजन होने के कई कारण होते है जैसे अधिक वजन, ज्यादा देर तक बैठे रहना या खड़े रहना, प्रेग्नेंसी, बढ़ती उम्र, गलत खानपान आदि।

उपरोक्त सामान्य कारणों के अलावा व्यायाम ना करने, मधुमेह, हार्ट प्रॉब्लम, कोई सर्जरी होने पर व लीवर संबंधी रोग होने के कारण भी पैरों में सूजन आ जाती है।

यदि यह समस्या ज्यादा बढ़ जाए तो इसके कारण पैरो में दर्द रहने लगता है। चलने और खड़े रहने में भी दिक्कत होती है। तो चलिए जानते Pero Me Sujan क्या है?

Pero Me Sujan: जानिए क्यों आ जाती है पैरों में सूजन

Causes of Swollen Feet

यह रोग कैसे होता है?

  • यह रोग तब होता है जब निचले अंगों की नसों के वाल्व क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
  • इसके परिणामस्वरूप निचले अंगों से हृदय की ओर रक्त का प्रवाह कम हो जाता है
  • इससे नसों में खून एकत्रित होने लगता है और रक्त के थक्के बनने लग जाते है।
  • नतीजतन पैरों में सूजन आ जाती है। यह रोग आमतौर पर पैरों में पाया जाता है।

क्या कहता है शोध?

आईएमए के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, “पैर में कई वाल्व होते हैं जो रक्त को हृदय की दिशा में प्रवाहित होने में मदद करते हैं. वैरिकोज अल्सर दोनों पैरों में हो सकता है. जब ये वाल्व क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो सूजन, दर्द, थकान, खुजली और रक्त के थक्के बनना शुरू हो जाता है।यह एक धीमी लेकिन परेशानी वाली बीमारी मानी जाती है.”

शुरुआत में दिखते है हल्के लक्षण

  • पैरो की नसों में सूजन की बीमारी होने पर शुरूआती लक्षण बहुत हलके होते हैं ।
  • इस वजह से इस पर लोग ध्यान नहीं देते और फिर बाद में जटिलता का सामना करना पड़ता है।
  • वक्त बीतने के साथ इसका इलाज मुश्किल होता जाता है।
  • यदि इसका इलाज समय पर नहीं किया जाये तो अल्सर विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है।

इसके पीछे के जिम्मेदार कारण

सामान्य कारण

  • वैरिकोज वेन्स यानी की पैरों की नसें सूजने की बीमारी, इस रोग के होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार है।
  • जैसे की शारीरिक व्यायाम का अभाव, तंग कपड़े, ऊंची एड़ी के जूते पहनना आदि।
  • वैरिकोज नसों की शुरुआत पर प्रभाव डालने वाले कुछ कारक उम्र, लिंग, मोटापा और लम्बे समय के लिए पैरों की स्थिति हैं।

गर्भावस्था में सूजन

  • वैसे तो गर्भावस्था में सूजन आना एक बहुत ही आम सी बात है।
  • लेकिन अगर इस अवस्था में ज्यादा सूजन रहती है तो यह प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) की समस्या हो सकती है।
  • प्रीक्लेम्पसिया एक बहुत ही गंभीर समस्या है जो गर्भवती महिलाओं गर्भावस्था के 5वे महीने में होती है।
  • इस समस्या में सूजन इस वजह से आती है क्योंकि गर्भवती का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और साथ ही प्रोटीन विकसित होता है।
  • यह एक गंभीर सूजन का कारण बनने के साथ साथ पेट दर्द, सिर दर्द, मतली, उल्टी जैसी समस्या को भी उत्पन्न करता है।

चोट की वजह से सूजन

  • अगर आपको किसी प्रकार की चोट लगी हो तो यह भी सूजन का कारण बनती है।
  • इसका एक कारण यह भी हो सकता है की मोच आई हो और लिगमेंट अपनी जगह से हट गई हो।
  • अगर आपको भी किसी चोट की वजह से सूजन आई है तो आपको अपने पैरों का इस्तेमाल कम करना चाहिए और पैरों आराम देना चाहिए।
  • आपको ऐसे में आइस पैक का इस्तेमाल करना चाहिए और साथ ही अपने पैरो पर पट्टी बांध कर उसे किसी स्टूल या फिर तकिए के ऊपर रखना चाहिए।

वेनस इन्सुफिसिएंसी (Venous Insufficiency) वाली सूजन

  • पैरो में सूजन आने का एक मुख्य कारण यह भी हो सकता है की आपको वेनस इन्सुफिसिएंसी की समस्या हो।
  • वेनस इन्सुफिसिएंसी में ब्लड का फ्लो सही प्रकार से नहीं होता है और साथ ही ब्लड वेन्स में रूक जाता है।
  • तो बॉडी में ब्लड फ्लो प्रॉपर नहीं हो पाता है इस वजह से पैरों में सूजन आ जाती है।
  • वेनस इन्सुफिसिएंसी अगर क्रोनिक वेन्स में होती है तो यह स्किन अल्सर और उसके संक्रमण उत्पन्न करता है।
  • अगर आपको इस प्रकार का कोई लक्षण दिखाई दे तो आपको डॉक्टर से चेक अप करवाना चाहिए।

डीप वैन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) वाली सूजन

  • इसमें आपके पैरो में अचानक से सूजन आ जाती है और साथ ही पैर में गर्माहट होती है।
  • चलने से पैरों में खिचाव होने लगता है, तो यह डीप वैन थ्रोम्बोसिस के लक्षण हो सकते है।
  • डीप वैन थ्रोम्बोसिस में पैरों की नसों में खून के कतरे जमने लग जाते है।
  • अगर आपको भी नसों में खिचाव महसूस हो तो आपको भी वैस्कुलर या कार्डियोवैस्कुलर सर्जन को दिखाना चाहिए।

साइटिका की सूजन

  • वैसे को साइटिका की समस्या 50 की उम्र से ज्यादा वाले लोगो को होती है।
  • साइटिका की समस्या में भी आपको पैरों में सूजन आने की तकलीफ हो जाती है।
  • इस समस्या में पैरों के जोड़ों में सूजन आ सकती है क्योंकि यह जोड़ो की चिकनाई को कम कर देता है।
  • साइटिका खास कर के आपकी रीढ़ की हड्डी और कमर को इफ़ेक्ट करता है जिस वजह से पैरों में सूजन की समस्या उत्पन्न होती है।
  • अगर आपको भी साइटिका की वजह से पैरों में सूजन रहती है तो फिजियोथैरेपी का सहारा लेना चाहिए। इससे आपको आराम मिलेगा।

इस ऊपर दिए लेख में हम ने आपको बताया की पैरों में होने वाली सूजन को आपको अवॉयड नहीं करना चाहिए यह आगे चल कर एक बड़ी समस्या भी बन सकती है। अगर आपको भी पैरों में सूजन रहती है तो आपको Swollen Feet Treatment लेना चाहिए और अपने पैरों को तकलीफ से बचाना चाहिए।

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