Types of Coma: कोमा के विभिन्न प्रकार जो है घातक
आपने कहीं न कहीं सुना या देखा होगा कि व्यक्ति कोमा में चला गया है। कोमा एक ऐसी स्थिति होती है जिसमे व्यक्ति गहरी नींद में चला जाता है उसे बाहर क्या चल रहा है इसके बारे में कुछ पता नहीं होता है।
कोमा को निश्चेतनता कहा गया है अर्थात व्यक्ति का गहरी नींद में चले जाना। कोमा में जाने पर व्यक्ति की चेतना पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
इसमें व्यक्ति कम समय से लेकर कई वर्षो तक भी रह सकता है, क्योंकि इससे बाहर निकलने का कोई निश्चित समय नहीं होता है। कोमा में गए व्यक्ति पर कोई भी बाहरी क्रियाओं का असर नहीं होता है।
कोमा में व्यक्ति जीवित तो रहता है परन्तु वह कोई भी शारीरिक क्रियाएं नहीं कर पाता है। ज्यादातर इस प्रकार की समस्याएं दिमाग पर गंभीर चोट लगने के कारण होती है। कोमा के भी कई प्रकार होते है इसके लिए जानते है Types of Coma.
Types of Coma: जानिए इसके कारण, प्रकार, निदान और आवश्यक जानकारी
क्यों जाता है व्यक्ति कोमा में?
किसी व्यक्ति के कोमा में जाने के कई कारण हो सकते है जिनमे से कुछ इस प्रकार है।
- दिमाग पर गंभीर आघात का होना
- सड़क दुर्घटना का शिकार होना
- हिंसा के कारण
- किसी दुर्घटना में रक्तस्राव ज्यादा हो जाने पर
- मधुमेह जैसे उपापचय संबंधी रोग का होना
- अत्यधिक खून का बहना
- ज्यादा तेज दिमागी बुखार का होना
- मस्तिष्क रोगों का होना जैसे मस्तिष्क रक्तस्राव या स्ट्रोक, मस्तिष्क के संक्रमण
- गंभीर ऐंठन, हृदय गति रुकना, उच्च रक्तचाप आदि के कारण दिमाग में ऑक्सीजन की कमी होना
- कुछ गंभीर बीमारियों के कारण भी कोमा की समस्या आ सकती है जैसे- कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता, जहर की विषाक्तता, असामान्य हार्मोन का स्तर, शराब या नशीले पदार्थों के कारण
कोमा के प्रकार
विषाक्त-चयापचय एन्सेफैलोपैथी (Toxic-Metabolic Encephalopathy)
- यह भ्रम और उन्माद के लक्षणों के साथ मस्तिष्क की शिथिलता की एक तीव्र स्थिति होती है। जो की रिवर्सेबल होती है।
- विषाक्त-चयापचय एन्सेफैलोपैथी होने के कई कारण होते है जैसे प्रणालीगत बीमारी, संक्रमण, अंग विफलता आदि।
एनोक्सिक ब्रेन इंजरी (Anoxic Brain Injury)
- इस तरह की स्थिति में मस्तिष्क में पूरी तरह से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है।
- कुछ मिनटों के लिए ऑक्सीजन की कमी मस्तिष्क के सेल्स की मृत्यु का कारण बनती है।
- एनोक्सिक ब्रेन इंजरी होने का कारण सिर में चोट या आघात, डूबने, नशीली दवाओं की अत्यधिक मात्रा या विषाक्तता हो सकता है।
परसिस्टेंट वैगेटेटिव स्टेट (Persistent Vegetative State)
- यह एक गंभीर बेहोशी की स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपने परिवेश से अनजान रहता है और स्वैच्छिक आंदोलन करने में भी असमर्थ होता है।
- इसमें व्यक्ति अपने आसपास के वातावरण और परिस्थितियों से अनजान रहता है। इसमें व्यक्ति की सांसे चलती रहती है और वह गहरी नींद में रहता है।
लॉक-इन सिंड्रोम (Locked-In Syndrome)
- यह एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल स्थिति होती है। इस स्थिति में व्यक्ति आंख की मांसपेशियों को छोड़कर व्यक्ति पूरी तरह से लकवा ग्रसित हो जाता है।
- लेकिन वह जगा हुआ और सचेत रहता है।
दिमागी मौत (Brain Death)
- इस स्थिति में दिमाग की क्रियाएं पूरी तरह से बंद हो जाती है। इसमें मस्तिष्क की मृत्यु किसी गंभीर चोट से हो सकती है।
मेडिकल प्रेरित (Medically Induced)
- यह कोमा की अस्थायी स्थिति होती है। जो की चोट के बाद सूजन से मस्तिष्क में होती है।
कैसे किया जाता है कोमा का निदान?
- कोमा की स्थिति में रोगी को क्या तकलीफ है इस बारे में पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि इसमें रोगी बोलने की स्थिति में नहीं रहता है।
- डॉक्टर्स इसका निदान करने के लिए रोगी से परिवार वालों, नजदीकी लोगों और दोस्तों से जानकारी एकत्रित करते है।
- वह उनके द्वारा रोगी की आदतों, घटनाओं की जानकारी लेते है। रोगी के विषय में ज्यादा से ज्यादा जानकारी रोगी को ठीक करने में मददगार साबित होती है। जिसके बाद डॉक्टर्स रोगी का निम्न तरीके से उपचार शुरू करते है।
मूत्र का विश्लेषण
- डॉक्टर इससे पता लगाने की कोशिश करता है कि कहीं इसकी वजह नशीली दवाएं तो नहीं है।
रक्त की जाँच
- इसके द्वारा पता लगाया जाता है कि कही रक्त में संक्रमण तो नहीं है या फिर खून में शर्करा के स्तर की जाँच भी की जाती है।
- शरीर में कई विषाक्त पदार्थ तो नहीं है इसके लिए भी रक्त की जाँच की जाती है ।
सीटी स्केन
- एक्स-रे का एक प्रकार होता है जिसके जरिये सिर के भीतर की तस्वीरें ली जाती है ताकि स्थिति का पता चल सके।
गर्दन का एक्स-रे
- गर्दन के भीतरी भाग में कोई चोट या गंभीर घाव तो नहीं है इसके लिए गर्दन का एक्स-रे लिया जाता है।
ईईजी (Electroencephalogram)
- मस्तिष्क की गतिविधियों को जानने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
- इससे मस्तिष्क की सामान्य और असामान्य स्थितियों का पता चलता है।
- नींद से संबंधित समस्याओं की जानकारी के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
मस्तिष्कमेरु द्रव का विवरण विश्लेषण (Poyasnichnaya Puncture)
- मस्तिष्कमेरु द्रव के नमूने की जाँच करता है।
- साथ ही इसके द्वारा ब्लड प्रेशर की जांच और संक्रमण की उपस्थिति व् खून का पता चलता है।
SPECT स्कैन
- यह स्कैन चयापचय की जांच करने हेतु किया जाता है। साथ ही यह खून का शरीर के ऊतकों व् अंगों में किस तरह का बहाव है इसे भी दर्शाता है।
एमआरटी
- एमआरटी चुंबकीय और रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करता है। जो की शरीर के अंदर की तस्वीर बनाने में मदद करता है खासकर दिमाग की।
इस तरह उपरोक्त तकनीकों के द्वारा कोमा में गए व्यक्ति का उपचार किया जाता है ताकि उसे वापस कोमा से बाहर लाया जा सके।
कोमा के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक जानकारी
- किसी भी व्यक्ति को कोमा की स्थिति न आये उसके लिए सावधानी पूर्वक यात्रा करनी चाहिए। यदि आप ड्राइव कर रहे है तो सीट बेल्ट व् हेलमेट को जरूर लगाना चाहिए।
- नशीले पदार्थो जैसे सिगरेट, शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- यदि आप मधुमेह रोग से ग्रसित है तो मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए नियमित रूप से जाँच करवाते रहे।
- यदि आपके घर में छोटे बच्चे है तो उनका विशेष ध्यान दे ताकि वह किसी गंभीर दुर्घटना का शिकार न हो पाए।
नोट – उपरोक्त जानकारी को ध्यान रखे और सुरक्षित रहने का प्रयास करे। साथ ही बीमारियों से बचने के लिए संतुलित आहार ले व् नियमित रूप से व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाए।