Food Poisoning Treatment In Hindi: फूड पॉइजनिंग होने पर अपनाएँ ये नुस्खे

आजकल की लाइफ स्टाइल में कई परिवर्तन हो गए है जिसके कारण लोगो का खान पान और जीवन शैली पूर्ण रूप से बदल चुकी है।

जंक फूड का सेवन बहुत ही जोरो शोरो पर है, जिसके कारण लोगो को फूड पॉइजनिंग की समस्या का भी सामना आये दिन करना पड़ता है। अधिकतर लोग फूड पॉइजनिंग से ग्रसित हो जाते हैं ।

फूड पॉइजनिंग की समस्या तब उत्पन्न होती है जब कोई बाहर के उन दूषित पदार्थों का सेवन करता है जिनमे बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं और वो उस फ़ूड के साथ आपके शरीर में प्रवेश कर जाता है।

कई लोगो की रीति रोधक क्षमता कम होती है जिसके कारण वह जल्द ही फूड पॉइजनिंग की चपेट में आ जाते है। यदि फूड पॉइजनिंग बार बार होती है तो यह गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकती है। इससे बचने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना ज़रुरी होता है। जानते है Food Poisoning Treatment In Hindi.

Food Poisoning Treatment In Hindi: फ़ूड पॉइजनिंग हो जाने पर क्या करें

What to do For Food Poisoning

दवाओं के द्वारा फूड पॉइजनिंग को दूर किया जा सकता है परन्तु यह फूड पॉइजनिंग का स्थायी उपचार नहीं होता है। यदि आप चाहते है की आप बार बार फूड पॉइजनिंग की चपेट में ना आये तो इसके लिए कुछ घरेलु उपाय अपना सकते है।

हाइड्रेटेड रहे

  • शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने के लिए तरल पदार्थो का सेवन करना ज़रुरी होता है।
  • फूड पॉइजनिंग के कारण उलटी और दस्त भी हो जाते है जिसके लिए भी तरल पदार्थ का सेवन करना जरुरी होता है।
  • फूड पॉइजनिंग से दूर रहने के लिए प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना ज़रुरी होता है ।
  • पानी को गर्म कर के और छानकर पीना अच्छा होता है।

हलके भोजन का सेवन करे

  • फूड पॉइजनिंग के दौरान ऐसे पदार्थों का सेवन करे जो सरलता से पच सके।
  • कम वसा, लो-फाइबर खाद्य पदार्थों का सेवन करे, इससे भी पेट सही रहता है। क्योंकि फूड पॉइजनिंग होने पर पेट कमजोर हो जाता है। और उसे
  • भोजन को पचाने में कठिनाई होने लगती है। इसलिए ऐसे भोजन का सेवन करना चाहिए जो पेट को आराम दे सकेऔर आसानी से पच सके ।

आप पेट को सही रखने के लिए इन पदार्थो का सेवन कर सकते है जैसे-

  • अनाज
  • सफेद अंडे
  • शहद
  • दलिया
  • मूंगफली का मक्खन
  • सादा आलू, मैश किए हुए आलू सहित चावल
  • व्रत आहार का सेवन करना भी अच्छा होता है

प्राकृतिक उपचार

अदरक का सेवन

  • अदरक का सेवन करने से पाचन तंत्र सही रहता है।
  • अदरक फूड पॉइजनिंग के लिए भी कारगर उपाय होता है। इसके निजात के लिए अदरक मिश्रित चाय पीना चाहिए।
  • अदरक फूड पॉइजनिंग को बढ़ाने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है।

जीरा का सेवन

  • जीरे का उपयोग अधिकतर घरों में किया जाता है। जीरे में कई औषधीय गुण पाए जाते है।
  • फूड पॉइजनिंग को दूर करने के लिए जीरा लाभकारी होता है।
  • फूड पॉइजनिंग से निजात पाने के लिए एक चम्मच जीरे को पीस ले और इसका प्रति दिन सेवन करे।
  • पाचन क्रिया को ठीक रखने के लिए भी जीरा अच्छा होता है। साथ ही यह आंत में उत्पन्न होने वाली सूजन को भी दूर करता है।

केला का सेवन

  • केले का सेवन करने से पाचन तंत्र बेहतर रहता है। क्योंकि यह पचने में आसान होता है।
  • फूड पॉइजनिंग की समस्या को दूर करने के लिए यह बहुत ही उत्तम होता है।
  • परन्तु इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए की केले का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। अधिक मात्रा में इसके सेवन से हानि भी हो सकती है।

अनार

  • अनार का जूस पीना भी फूड पॉइजनिंग के लिए लाभकारी होता है।
  • अनार का जूस डायरिया के लिए भी लाभकारी होता है।

इसके अतिरिक्त आप एलो वेरा जूस, एप्पल साइडर वेनेगर, तुलसी, दही और निम्बू आदि का भी सेवन कर सकते है। यह सब फूड पॉइजनिंग से राहत दिलाने का कार्य करते है।

अन्य उपाय

  • कम से कम एक घंटे में अपने दांतो पर ब्रश करे। क्यूंकि उल्टी के दौरान निष्कासित पेट का एसिड दांतो को नुक्सान पंहुचा सकता है।
  • इसके अतिरिक्त आप पानी में बेकिंग सोडा डालकर उस पानी का कुल्ला कर सकते है।
  • स्नान करना आपके शरीर को अस्वस्थ्यकर जीवाणुओं को शुद्ध करने में मदद करता है।

खाद्य और पेय पदार्थ जिनका सेवन नहीं करना चाहिए

सबसे पहले आप जिन खाद्य और पेय पदार्थो को खाकर फूड प्वॉइनजिंग से ग्रसित हुए है उन खाद्य पदार्थो का सेवन दोबारा नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त

  • शराब
  • कैफीन (सोडा, ऊर्जा पेय, या कॉफी)
  • चटपटा खाना
  • फाइबर में उच्च खाद्य पदार्थ
  • दुग्ध उत्पाद
  • वसायुक्त खाना
  • तले हुए खाद्य पदार्थ
  • निकोटीन
  • फलों के रस

इनका सेवन नहीं करना चाहिए। तभी आप फूड पॉइजनिंग से खुद को बचा सकोगे।

कौन होता है ज्यादा ग्रसित

शिशु और बच्चे

  • फूड पॉइजनिंग की समस्या शिशुओं और बच्चों में तेजी से होती है। क्योंकि इनका मेटाबोलिस्म मजबूत नहीं होता है।
  • बच्चे वयस्कों की तुलना में अधिक आसानी से निर्जलित हो जाते हैं इसलिए उनकी बारीकी से देखभाल करनी चाहिए।

गर्भवती महिला

  • गर्भवती महिला को खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ताकि वह खुद का और शिशु का ख्याल रख सके।
  • डॉक्टर्स भी गर्भवती महिला को बाहर के खाने से परहेज करने की राय देते है ताकि माँ और बच्चे को फूड पॉइजनिंग से भी बचाया जा सके।

बूढ़े व्यक्ति

  • बूढ़े व्यक्तियों को भी फूड पॉइजनिंग होने का खतरा अधिक होता है।
  • 60 से अधिक उम्र के वयस्कों में यह समस्या ज्यादा होती है।
  • इसलिए इन लोगो को समय समय पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

लोग जो बीमारियों से ग्रसित है

जिन लोगों को एचआईवी / एड्स, जिगर की बीमारी, या मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियां हैं उन्हें फूड पॉइजनिंग की सम्भावनाये अधिक होती है।

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