Hrelate Astrology https://hrelate.com/astrology Tue, 22 Jan 2019 09:33:03 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.3.20 Meen Rashi Name: मीन राशि में जन्मे बच्चे के आकर्षक और सुन्दर नाम https://hrelate.com/astrology/meen-rashi-name/ Tue, 22 Jan 2019 09:33:03 +0000 https://hrelate.com/astrology/?p=16971 हिन्दू धर्म में नामकरण का बहुत महत्व होता है। नाम से ही किसी व्यक्ति की पहचान की जाती है। यदि व्यक्ति का नाम नहीं होता तो इससे लोगों को आपस में बातचीत करने में...

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हिन्दू धर्म में नामकरण का बहुत महत्व होता है। नाम से ही किसी व्यक्ति की पहचान की जाती है। यदि व्यक्ति का नाम नहीं होता तो इससे लोगों को आपस में बातचीत करने में भी परेशानी आ जाती । हिंदू धर्म में नामकरण भी बहुत सोच समझ कर किया जाया है। इसे शिशु की कुंडली के अनुसार ही रखा जाता है।

किस राशि के लिए कौन सा नाम लाभकारी रहेगा इसके लिए भी कुछ नियम बनाये गए है। हिन्दू धर्म में राशियों के अनुसार नामो के अक्षर भी रखे गए है जिससे नामो को चुनने आसानी हो सके।

लोग अपने बच्चों का नामकरण भी बहुत ध्यान से करते है क्योंकि यदि बच्चे का नाम रखा जाता है तो वह उसके साथ जीवन भर रहता है। इसलिए नामकरण के समय ध्यान जरूरत होनी भी चाहिए।

कुछ लोग राशियों के अनुसार इसलिए भी नाम को रखते है ताकि उसके बच्चे का भविष्य उज्जवल रहे और उसके भाग्य में वृद्धि हो सके। आज हम आपको इस लेख में Meen Rashi के नामो के बारे में बता रहे है। आईये जानते है Meen Rashi Name के बारे में।

Meen Rashi Name: जाने मीन राशि के बच्चो के अट्रेक्टिव नाम

Meen Rashi Name

मीन राशि वाले जातक बहुत अच्छे श्रोता होते है। किसी भी विषय पर चर्चा चल रही हो तो वह बड़ी ही गंभीरता से इसे सुनते और समझते है। मीन राशि में जन्मे जातक दयालु भी होते है। उनके अंदर दयालुता भरी होती है। साथ ही मीन राशि में जिन लोगो का जन्म होता है वह स्वभाव से बहुत ही बुद्धिमान भी होते है।

कलात्मक रूप से भी ऐसे व्यक्ति परिपूर्ण होते है साथ ही ऐसे लोग मदद करने में भी पीछे नहीं हटते है। मीन राशि के लोग ज्यादातर अकेला रहना पसंद करते है। उन्हें सोना और संगीत सुनना भी बहुत अच्छा लगता है।

मीन राशि वाले जातक लोगों पर जरुरत से ज्यादा भरोसा करते है जिसके कारण कभी कभी उनको हानि का भी सामना करना पड़ जाता है। मीन राशि में जन्मे लोग ज्ञान से युक्त होते है जिसके कारण उनको जाना जाता है। मीन राशि के लोग क्षमाशील होते है साथ ही बहुत ही उदार प्रवति के होते है। मीन राशि जल राशि होती है जिसका स्वामी गुरु है।

इस राशि में जन्मे जातक के नाम (Rashi by Name Letter) का पहला अक्षर दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची से शुरू होता है। जानते इस मीन राशि के कुछ ऐसे सुन्दर और अट्रेक्टिव नाम जिसे आप अपने बच्चो के लिए भी रख सकते है। साथ ही इन Min Rashi Name को सुनने वाले भी कहेंगे की अपने कितना सुन्दर नाम रखा है।

मीन राशि के लड़कों के नाम: Min Rashi Name Boy

मीन राशि के अंतर्गत जन्मे लड़के और लड़कियों के नाम बहुत ही सुन्दर और आकर्षक होते है। लेकिन जब नाम रखने की बारी आती है तो इस बात का कन्फ्यूजन होता है की क्या नाम रखा जाए और जो नाम रखा जायेगा उसका अर्थ क्या होगा? इसके लिए हम आपको कुछ चुनिंदा नाम बता रहे हैं साथ ही उनके अर्थ भी बता रहे है जिससे आपको नाम रखने में आसानी होगी।

Boy Name of Min Rashi

हिंदी नाम इंग्लिश नाम अर्थ
दिशांत Dishanth आसमान
दिवेश Divesh देवताओं के भगवान
दीवीज Divij भगवान दत्त का नाम
दिवम Divam शुद्ध
दिव्यांश Divyansh दिव्य प्रकाश का एक हिस्सा
दिव्यराज Divyaaraj प्रतिभाशाली
दिव्यांत Divyaant सुंदर
दीपांजन Deepanjan दीपक की आंख
दिशान Dishaan दिशा
दिशांक Dishank क्षितिज
दीशेन Dishen सूर्यदेव
दीजुल Dijul मासूम
दीराश Dirash पंडित
दीवियांश Diviyansh ईश्वर की शांति और दिव्य प्रकाश
चन्दन Chandan सुगंधित
चेतन Chetan बुद्धि
चिंटू Chintu छोटा
चिंतन Chintan विचार
चारविक Charvik बुद्धिमान
चैतन्य Chaitanya ज्ञान
चिन्मय Chinmay ज्ञान से भरा हुआ
झिल्मित Jhilmit अमूल्य रत्न
झुहित Jhuhit प्रकाश
थीरण Thiran बहादुर
थान्मई Thanmai एकाग्रता
थेवान Thewan भक्त
दिपेन्दु Dipendu उज्ज्वल चाँद
दीपायन Deepayan एक दीपक का प्रकाश
दिगेश Digesh दिशाओं का स्वामी

Min Rashi Girl Name

हिंदी नाम इंग्लिश नाम अर्थ
दिया Diya दीपक
दीक्षा Deeksha त्याग
दिति Diti विचार
दक्षा Daksha पृथ्वी
दिशि Dishi डायरेक्शन
दर्शी Darshi आशीर्वाद
दक्षीता Daxita विशेषज्ञ
दिव्या Divya आकर्षक
दिविजा Divija स्वर्ग में पैदा हुआ
दीपाली Deepali दीपक का संग्रह
दिशिता Dishita ध्यान केंद्रित
द्रिती Driti साहस
चारू Charu सुंदर
चार्वी Charvi सुन्दर लड़की
चार्मी Charmy आकर्षक
चैत्रा Chaitra नई तेज रोशनी
चंचला Chanchala बेचैन
चरुमाथि Chirumathi सुंदर मन
चारित्र्य Charitray इतिहास
चैताली Chaitali चैत्र माह में जन्मे
चरुला Charula सुंदर
चेतना Chetana भेदक
चाँदनी Chandni मूनलाइट

ऐसे बहुत से और भी नाम है जो की मीन राशि के लिए उपयुक्त होते है और उनका अर्थ भी बहुत सुन्दर है आप उपरोक्त नामो में से भी अपने बच्चे का नाम रख सकते है। बच्चों के नाम यदि सुन्दर और अट्रेक्टिव रखे जाते है तो उनका भविष्य तो अच्छा रहता है साथ ही आपको भी उनको उनके नाम से पुकारना अच्छा लगेगा। इसलिए नामो के चुनाव में जल्दबाजी में ना करे साथ ही सोच विचार कर ही बच्चे का नामकरण करे। ऐसे नाम रखे जो बड़े होने पर आपके बच्चों को भी पसंद आये। व्यक्ति की पहचान उनके नाम से भी होती है इसलिए नाम के चुनाव को अनदेखा ना करे। वह जमाने गए जब लोग कुछ भी नाम रख दिया करते है। आज के युग में नाम का बहुत ही महत्व है इसलिए इस पर ज़रुर विचार करे।

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Feng Shui Tips In Hindi: फेंगशुई की मदद से चमकाए अपना भविष्य https://hrelate.com/astrology/feng-shui-tips-in-hindi/ Fri, 31 Aug 2018 10:42:50 +0000 https://hrelate.com/astrology/?p=16967 हर कोई चाहता है की वह जो काम करे उसमे सफल हो। फिर चाहे तो व्यापार हो, भवन निर्माण हो या फिर यात्रा। लोग यह जानना चाहते है की वह जिस काम को करने...

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हर कोई चाहता है की वह जो काम करे उसमे सफल हो। फिर चाहे तो व्यापार हो, भवन निर्माण हो या फिर यात्रा। लोग यह जानना चाहते है की वह जिस काम को करने वाले है वह उनके लिए अनुकूल होगा या नहीं ?

व्यक्ति के मन में ऐसे कई प्रश्न होते है। ऐसे प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए व्यक्ति वास्तु शास्त्र जैसी चीजों का सहारा लेता है। वास्तु शास्त्र को भारतीय लोग बहुत मानते है ठीक उसी प्रकार चीन में भी ऐसी ही एक विद्या होती है फेंगशुई। इस विद्या को अब भारत बहुत पसंद करते है और इसका उपयोग भी करते है।

Feng Shui उपयोग करने में भी बहुत आसान होती है। लोग अपने घर की सुख शांति और प्रसिद्धि के लिए इसका सहारा लेते है। आजकल बाजारों में भी फेंगशुई की सामग्रियां बड़ी आसानी से मिल जाती है।

यदि आप भी फेंगशुई के इस्तेमाल से अपने जीवन में प्रसिद्धि चाहते है तो उसके लिए यह जानने की जरुरत है की फेंगशुई की किस सामग्री का उपयोग करने से क्या लाभ मिलता है। इसके लिए जानते है Feng Shui Tips In Hindi के बारे में विस्तार से।

Feng Shui Tips In Hindi : जाने फेंगशुई सामग्रियां किस प्रकार पहुंचती हैं फायदे?

Feng Shui Tips In Hindi

फेंगशुई सामग्रियां: Feng Shui Products

फेंगशुई से सम्बंधित बाजार में कई सामान मिलते है जैसे –

  • विंड चाइम
  • बांस के पौधे
  • ड्रैगन
  • कछुआ
  • लाफिंग बुद्धा आदि

ऐसी कई Feng Shui Items बाजार में उपलब्ध है जिसके उपयोग से लोगो को सुख और समृद्धि मिलने में मदद मिलती है।

Feng Shui In Hindi: जानते है फेंगशुई सामग्रियों से होने वाले फायदे

फेंगशुई पौधे: Feng Shui Plants-

  • यदि बांस के पौधे को घर के उस स्थान पर रखा जाए जहाँ पर घर के लोग एक साथ बैठते है तो ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है।
  • साथ ही घर के सदस्यों का स्वास्थ भी अच्छा रहता है। इसलिए फेंगशुई के अनुसार घर में बांस का पौधा रखना अच्छा होता है।
  • बांस के पौधे को बैठक के कोने वाले हिस्से में रखे।
  • फेंगशुई के अनुसार घर में खुशहाली बनी रहे इसलिए घर के पूर्व दिशा में मिट्टी के बर्तनों में तीन हरे पौधों को लगाए।

क्या न करे

  • इस बात का ध्यान रखे की घर में कैक्टस या फिर बोनसाई का पौधा नहीं लगाना चाहिए यह घर की प्रगति में बाधा लाते है। इसलिए इन्हे कभी भी घर में ना लगाए।

फेंगशुई मछलियाँ: Feng Shui Fish

  • फेंगशुई के अनुसार मछलियों को भी घर में रखना शुभ माना जाता है।
  • इसके लिए घर में मछलियों के जोड़े को एक्वेरियम में रखें। ऐसा करने से घर में समृद्धि आती है और घर धन्य की बरकत बनी रहती है।
  • मछलियों को यदि घर में रखा जाए तो इससे परिवार वालों का मन शांत रहता है। मछलियाँ जब एक्वेरियम में चहलकदमी करती है तब उनको देखने से शांति का अनुभव होता है साथ ही आपका मन भी लगा रहता है।
  • ऐसा कहा जाता है की जब मछलियाँ घर से जाती है तो वो अपने साथ घर के सारे अपशगुन भी ले जाती है।
  • मछलियों को घर के उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में ही रखना शुभ होता है।

क्या न करे

  • गोल्डन फिश को कभी भी अपने शयनकक्ष में नहीं रखना चाहिए साथ ही रसोईघर और शौचघर में भी इसे नहीं रखना चाहिए।

विंड चाइम: Wind chime

  • इसका उपयोग भी बहुत से लोग करते है।
  • यह हवा में हिलने वाली एक घंटी होती है जिसे घर के दरवाज़े पर लटकाया जाता है और जब हवा चलती है तो यह बजने लगती है।
  • जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है और इसका असर व्यक्ति के स्वास्थ पर भी पड़ता है।
  • विंड चाइम्स से जो आवाज़ निकलती है उससे ऊर्जा और वातावरण दोनों ही साफ हो जाता है। साथ ही इससे भाग्य का भी उदय होता है।

क्या न करे

  • ध्यान रखें की जिस जगह पर विंड चाइम लगाया है उसके नीचे कभी भी नहीं बैठना चाहिए और न ही उसके नीचे से कभी निकलना चाहिए
  • घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए घर में 6, 7, 8, 9 रॉड वाली या भी घंटियों वाली विंड चाइम को लगाना अच्छा होता है।

फेंगशुई दर्पण: Feng Shui Mirrors

  • फेंगशुई के अनुसार दर्पण भी घर की सुख समृद्धि के लिए अच्छा होता है।
  • दर्पण को घर के पूर्व या उत्तर दिशा में दीवार पर लगाना शुभ माना जाता है।
  • ऐसा करने से धन आपके घर में आता है और आपको धन की कमी नहीं होती है।

क्या न करे

  • इस बात का भी ध्यान रखे की दर्पण उस कमरे के दरवाज़े के विपरीत दिशा में नहीं लटकाना चाहिए जिस कमरे में आप सोते है। ऐसा करने से पॉजिटिव ऊर्जा घर से बाहर चली जाती है।
  • शयन कक्ष में जब आप दर्पण लगाए तो उसे ऐसी जगह न लगाए जहाँ सोते उठते समय आपकी नजर दर्पण पर पड़े। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही यह उन्नति में भी बाधा लाती है।

फेंगशुई कछुआ: Feng Shui Tortoise

  • फेंगशुई में कछुआ भी बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए इसे भी घरों में रखा जा सकता है।
  • कछुआ रखने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसलिए इसे घर और ऑफिसों में रखा जा सकता है।
  • घर में कछुआ रखने से धन की प्राप्ति होती है। आपकी धन से जुड़ी सारी समस्याएं इसकी मदद से दूर हो जाती है। इसलिए आप घर में क्रिस्टल वाला कछुआ भी ला सकते है। इससे परिवार वालों की उम्र भी बढ़ती है साथ ही बीमारियाँ भी दूर होने लगती है।
  • काले रंग के कछुआ को उत्तर दिशा में रखना शुभ होता है।

क्या न करे

  • कछुए को अपने शयन कक्ष में नहीं रखना चाहिए।
  • कभी भी दो कछुओं को एक साथ भी नहीं रखना चाहिए इससे भी हानि होती है।

अन्य Feng Shui Vastu tips in Hindi

  • घर में ड्रैगन रखना भी अच्छा होता है यह घर की रक्षा करता है इसलिए ड्रैगन की मूर्ति या फिर उसके चित्र को घर में लगाना चाहिए।
  • सिक्के भी शुभ होते है इसके लिए घर के दरवाज़े के हेंडल पर सिक्कों को लटकाना चाहिए ऐसा करना सौभाग्य का प्रतीक होता है।

इस तरह आप उपरोक्त टिप्स को अपना कर अपने घर में खुशहाली ला सकते है साथ ही अपने परिवार वालों को भी सुख और शांति दे सकते है। तो फिर आज ही लाये अपने घर में भी Feng Shui वाली चीजे। बस उसे लाने से पहले उसके शुभ और अशुभ होने वाले नियमो का भी ख्याल रखे।

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Ank Jyotish: अंको से जुड़े होते हैं जीवन के तार, जाने अंक ज्योतिष के अनुसार अपना भविष्य https://hrelate.com/astrology/ank-jyotish/ Mon, 27 Aug 2018 09:21:48 +0000 https://hrelate.com/astrology/?p=16962 हर कोई चाहता है की उसके भविष्य के बारे में वह जान सके। उसका आने वाला कल कैसा होगा ? उसका जीवन किस प्रकार का होगा ? यह सब लोग जानना चाहते हैं। लोग...

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हर कोई चाहता है की उसके भविष्य के बारे में वह जान सके। उसका आने वाला कल कैसा होगा ? उसका जीवन किस प्रकार का होगा ? यह सब लोग जानना चाहते हैं।

लोग व्यक्ति के जन्म तारीख के आधार पर उसका भविष्य बताते है। इसके लिए कई तरह के विज्ञान की भी मदद ली जाती है जैसे कुंडली देखना, हाथों की रेखाओं द्वारा भविष्य बताना और अंक ज्योतिष आदि। इस तरह ऐसे कई तकनीक है जिसकी मदद से भविष्य का पता लगाया जाता है।

आज हम आपको इस लेख के जरिये अंक ज्योतिष के बारे में बता रहे है। अंक Jyotish में अंको के आधार पर आपके भविष्य के बारे में बताया जाता है। यह विद्या प्राचीन काल से चली आ रही है। जिसमे लोग अंको की गणना कर भविष्य बताते है।

अंक ज्योतिष को अंग्रेजी भाषा में न्यूमेरोलॉजी (Numerology) के नाम से जाना जाता है। आईये आज के इस लेख में जानते है इसी Ank Jyotish विषय के बारे में विस्तार से।

Ank Jyotish: जाने यह क्या है, इसकी उत्पत्ति, महत्व और इसे जानने का तरीका

Ank Jyotish

क्या होती है Ank Jyotish ?

  • अंक ज्योतिष में व्यक्ति अंको की गणना कर लोगो के भविष्य को बताने की कोशिश करते है।
  • अंक ज्योतिष का निर्माण ज्योतिष और अंक शब्द को मिलाकर किया गया है। व्यक्ति के सारे कार्य अंको के आधार पर ही किये जाते है फिर वह किसी महीने की तारिख हो, घंटा या फिर कोई महीना ही क्यों ना हो।
  • हर चीज अंको पर निर्भर करती है। इस लिए अंक शास्त्र भी अंको पर निर्भर रहता है।
  • 1 से लेकर 9 तक के अंको के द्वारा ही पूरे अंक क्षेत्र की गणना की जाती है और साथ ही ग्रह, नक्षत्र और राशियों के आधार पर ज्योतिष का अनुमान लगाया जाता है।

अंक ज्योतिष की उत्पत्ति

  • अंक ज्योतिष का उपयोग प्राचीन काल से किया जाता आ रहा है। इसकी शुरुआत मिश्र से हुयी है।
  • आपको बता दे की इजिप्ट की जिप्सी जनजाति द्वारा इसकी उत्पत्ति हुयी है। इन्होने ही अंक ज्योतिष क्षेत्र को विकसित किया है। शोध की माने तो अंक शास्त्र का इतिहास हज़ारों साल पुराना है।

क्यों किया जाता है अंक शास्त्र का उपयोग

  • अंक शास्त्र का उपयोग किसी व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी लेने के लिए किया जाता है ताकि वह अपने आने वाले भविष्य की चौनौतियों से अवगत रह पाए।
  • इसके जरिये आप व्यक्ति के व्यवहार, गुण, अवगुण, उसकी विशेषता और उसकी बुराईयो के बारे में पता लगा सकते है।
  • साथ ही इससे यह भी पता चलता है की आपका वैवाहिक जीवन कैसा होगा, संतान कैसी होगी आदि?
  • इसके अतिरिक्त लोग भवन निर्माण के लिए भी अंक शास्त्र का सहारा लेते है और घर भी उसी के अनुरूप ही बनवाते है। साथ ही गृह प्रवेश, कोई वस्तु को खरीदने आदि के लिए भी इसकी मदद लेते है।
  • कई लोग तो प्रसिद्धि पाने के लिए भी अंको की मदद से अपने नाम में परिवर्तन करवाते है।

ज्योतिष शास्त्र और अंक शास्त्र के सम्बन्ध

  • Jyotish Shastra और अंक शास्त्र दोनों ही बहुत पुरानी विद्या है। यह दोनों एक सिक्के के दो पहलू माने जाते है।
  • ज्योतिष शास्त्र बहुत विस्तृत है परन्तु अंक शास्त्र अभी इतना विस्तृत नहीं हुआ है। अंक ज्योतिष इस विस्तृत ज्योतिष शास्त्र की ही एक शाखा होती है।

कैसे होती है अंको की गणना

यदि आप अपना न्यूमेरोलॉजी नंबर जानना चाहते है तो इस प्रकार जान सकते है।

  • इसके लिए सबसे पहले अपनी जन्म तिथि का नंबर ले। यदि आपकी जन्म डेट दो अंको की है तो उसे तब तक जोड़ते जाये जब तक की वह सिंगल नंबर में परिवर्तित न हो जाए।
  • उदहारण के लिए यदि आपकी जन्म डेट 12 है तो इसे आपको 1+2= 3 जोड़ना होगा।
  • इस आधार पर आप जान सकते है की आपका व्यक्तित्व किस प्रकार का है।

जन्मतिथि को जोड़ने के बाद जब 1 से 9 तक में कोई एक अंक निकल कर आता है तो उसी अंक पर अंक ज्योतिष के अनुसार आपका भविष्य एवं व्यक्तित्व निर्भर जरता है। आइये जानते हैं अंकों के अनुसार आपका व्यक्तित्व कैसा होगा?

यदि नंबर 1 आये

  • इस नंबर वाले लोग बहुत ही कलात्मक होते है।
  • उनमे लीडरशिप होती है।
  • इसके अतिरिक्त ऐसे लोगो में इगो भी बहुत होता है। जिसके कारण उनको कभी कभी नुकसान का सामना भी करना पड़ता है।

यदि 2 नंबर है तो

  • इस नंबर के लोगो में धैर्य नाम की चीज नहीं देखी जाती है। ऐसे लोग हर काम को जल्द से जल्द खत्म करना चाहते है।
  • साथ ही ऐसे लोग सकारात्मक भी होते है और कलात्मक भी होते है।

3 नंबर आने पर

  • इस नंबर वाले लोग बहुत ही ईमानदार होते है साथ ही इनमे आत्मनिर्भरता का गुण भी होता है।
  • इस प्रकार के लोग खुद से बहुत प्यार करते है।

4 नंबर

  • इस प्रकार के लोगो पर भरोसा किया जा सकता है साथ ही ऐसे व्यक्ति बहुत ही मेहनती होते है।
  • इन लोगो को गुस्सा जल्दी आता है।
  • इनकी खास बात यह होती है की जिससे यह एक बार दोस्ती करते है तो उनका साथ कभी भी नहीं छोड़ते है।

5 नंबर आने पर

  • ऐसे लोग बहुत ही बिंदास टाइप के होते है साथ ही वह बहुत ही स्मार्ट और बुद्धिमान भी होते है।
  • लेकिन ऐसे लोगो में घमंड भी बहुत होता है। इनका मूड कभी भी बदल जाता है।

6 नंबर

  • इस नंबर के लोग बहुत ही अट्रैक्टिव पर्सनालिटी के होते है और बहुत अच्छे दोस्त भी होते है।
  • लेकिन ऐसे लोग फालतू की बातों में बहस भी बहुत ही करते है। साथ ही आलसी भी होते है।

7 नंबर

  • ऐसे लोग खुद से कोई फैसला नहीं ले पाते है।
  • यह पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर रहते है। साथ ही ऐसे लोग सपनों में जीना पसंद करते है।

8 नंबर

  • ऐसे लोगो में आत्मविश्वास कूट कूट कर भरा होता है।
  • जिस काम को करने की ठान लेते है उसे पूरा करके ही दम लेते है।

9 नंबर

  • ऐसे लोगो में भी आत्मविश्वास ज्यादा होता है।
  • परन्तु कभी कभी ओवर कॉंफिडेंट हो जाते है। जिसके कारण हानि भी होती है।

इस तरह आप अंको के आधार पर अपने व्यक्तित्व के बारे में जान सकते है।

नोट – आजकल कई लोग अंक ज्योतिष को सीखते है और भविष्य को बताते है। टीवी और ऑनलाइन सभी जगहों पर आपको ऐसे लोग मिल जायेंगे जो आपको आपके भविष्य के बारे में बता सकते है। साथ ही कई लोग अंक ज्योतिष के लिए अपना प्रचार भी करते है।

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Raksha Bandhan History: जाने रक्षा बंधन पर्व से जुड़ी प्राचीन कथाएं एवं इतिहास https://hrelate.com/astrology/raksha-bandhan-history/ Fri, 24 Aug 2018 13:51:43 +0000 https://hrelate.com/astrology/?p=16958 रक्षा बंधन का त्यौहार एक ऐसा पर्व होता है जो की भाई बहन के रिश्ते पर आधारित होता है। यह भाई बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है। भाई बहन में कितना भी मन...

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रक्षा बंधन का त्यौहार एक ऐसा पर्व होता है जो की भाई बहन के रिश्ते पर आधारित होता है। यह भाई बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है। भाई बहन में कितना भी मन मुटाव क्यों न हो जाए इस दिन दोनों के दिल एक दूसरे के प्रेम के लिए व्याकुल रहते है। इस दिन बहन अपने भाई को रक्षा सूत्र उसके हाथों पर बांधती है और भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है।

Raksha Bandhan का त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा को आता है जिस पूरे देश में लोग बड़ी धूम धाम से मनाते हैं। यह हिन्दुओ का एक पवित्र त्यौहार है। यह त्यौहार वर्षो से मनाया जाता आ रहा है।

आपको बता दे की इस त्यौहार का ऐतिहासिक महत्व भी है जिसके कारण About Raksha Bandhan के ऊपर प्राचीन काल से भाई बहन के इस रिश्ते पर कई कथाएं भी प्रचलित है।

Raksha Bandhan Information के अंतर्गत रक्षा बंधन से जुड़ी कई घटनाएं भी है और कई कहानियाँ भी सुनाये जाते हैं। आइये आज के लेख में जानते हैं Raksha Bandhan History के बारे में विस्तार से।

Raksha Bandhan History: जाने इसका महत्त्व, कहानी और इसे मनाने के विधि विधान

Raksha Bandhan History

रक्षा बंधन का महत्त्व

  • रक्षा बंधन का अर्थ होता है रक्षा के निहित बाँधा गया एक बंधन।
  • इस दिन भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है और बहने अपने भाई की लम्बी उम्र की कामना करती है।
  • यह पर्व पूरे देश में साथ हीं विश्व में जहाँ भी हिन्दू रहते हैं वह मनाया जाता है।

रक्षा बंधन का इतिहास: Raksha Bandhan in Hindi

आइये अब जानते हैं रक्षा बंधन के इतिहास से जुड़ी Raksha Bandhan ki Kahani जो सालों से लोगों के बीच प्रचलित हैं।

रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं

  • रक्षा बंधन का इतिहास बहुत साल पुराना है इससे जुड़ी बहुत सारी कथाएं हैं जिनमे एक कथा रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं के मध्य की भी है।
  • यह उस समय की बात है जब मुग़लों और राजपूतों के बीच युद्ध चल रहा था। उस समय चित्तौड़ के राजा की मृत्यु हो चुकी थी और रानी कर्णावती राज्य को संभल रही थी।
  • उन्होंने सुल्तान बहादुर शाह से सहायता मांगी परन्तु कोई मदद नहीं मिल पा रही थी तो रानी कर्णावती ने हुमायूं को राखी भिजवा दी।
  • राखी भिजवाने के बाद हुमायू ने रानी को बहन माना और उनकी रक्षा की।

भगवान कृष्ण और द्रौपदी

  • आपको बता दे रक्षा बंधन का इतिहास महाभारत के समय भी था। यह कथा भगवान कृष्ण और द्रौपदी से संबंधित है।
  • इस कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने राजा शिशुपाल का जब वध किया तो उनके बाएं हाथ की उंगली से रक्त बह रहा था।
  • बहते हुए रक्त को देखकर द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा उनकी अंगुली में बांधा था।
  • इस घटना के दौरान ही भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को बहन के रूप में स्वीकार किया था।
  • उसके बाद जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था तो भगवान कृष्ण ने उनकी सहायता की थी।

राजा बलि और माता लक्ष्मी

  • कुछ लोग इस कहानी को भी रक्षा बंधन का आधार मानते है। जब भगवान् विष्णु ने वामनावतार धारण किया तो वह राजा बलि के पास भिक्षा मांगने गए।
  • भिक्षा में उन्होंने राजा बलि से तीन पग धरती की मांग रख दी और जब भगवान ने अपने पग से धरती को नापा तो आकाश, पाताल व धरती सभी को एक साथ नाप लिया।
  • राजा बलि के पास अब कुछ नहीं बचा तो उन्हें रसातल में रहने को जाना पड़ा।
  • भगवान बलि की भक्ति से भगवान् बहुत प्रसन्न थे इसलिए वे बलि के कहने पर रात-दिन उनके सामने रहने लगे।
  • इस पर माता लक्ष्मी जी को बहुत चिंता हुयी के अब भगवान् विष्णु वापस वैकुण्ठ में कैसे आएंगे।
  • तब नारद जी ने लक्ष्मी जी को एक उपाय सुझाया। जिसके अनुरूप लक्ष्मी जी ने राजा बलि को रक्षा सूत्र भेजकर भाई बनाया और उसके बदले अपने पति को वापस अपने साथ ले कर आयी।
  • जिस दिन यह हुआ उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा थी।

सिकंदर की पत्नी और पुरू

  • यह कहानी भी रक्षा बंधन के लिए जानी जाती है। सिकंदर और पुरू शत्रु हुआ करते है तो शत्रु से रक्षा के लिए सिकंदर की पत्नी में अपने शत्रु पुरू को राखी भेजी थी।
  • राखी के बदले पुरु ने सिकंदर को ना मरने का वचन दिया था।
  • वचन के अनुसार पुरु ने सिकंदर को जीवन दान प्रदान किया था।

युधिष्ठिर और सैनिक

  • महाभारत के युद्ध में पांडवों के विजय के लिए राखी का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है।
  • जब युधिष्ठिर ने भगवान् कृष्ण से पूछा की मैं इस प्रकार के संकटों से कैसे छुटकारा पा सकता हूँ तो इस पर कृष्ण जी ने युधिष्ठिर से सैनिकों को राखी बांधने के लिए कहा।
  • युधिष्ठिर ने अपने सारे सैनिकों को राखी बाँधी जिससे उनकी विजय हुयी।
  • यह घटना भी श्रावण मास में हुयी थी। इस दिन के बाद से सैनिकों को भी राखी बंधी जाती है।

इस तरह Raksha Bandhan Story in Hindi से जुड़ी कई कहानियों को लोग मानते है और उसके आधार ओर रक्षा बंधन के त्यौहार को मनाते है। आईये जानते है रक्षा बंधन के त्यौहार को लोग किस प्रकार मनाते है।

इस तरह मानते है रक्षा बंधन

  • रक्षा बंधन त्यौहार को बहुत आसान तरीके से मनाया जाता है। इस दिन सुबह उठकर स्नान कर नए कपड़े पहने जाते है।
  • साथ ही बहने अपने भाई के लिए रक्षा सूत्र खरीदती है। फिर एक थाल में पूजा की सामग्री को सजाया जाता है साथ ही उसमे मिठाई और राखी भी रखी जाती है। थाली में भाई की आरती उतारने के लिए दीपक भी रखा जाता है। आप कपूर, फूल, अक्षत, सिंदूर और चावल को भी थाली में सजा सकती है।
  • इसके बाद भाई को किसी आसन पर बैठाया जाता है। उसका तिलक करके राखी बाँधी जाती है और आरती भी उतरी जाती है। इसके बाद बहने भाई को मिठाई खिलाती है।
  • इसके उपरांत भाई अपनी बहनों को उपहार भी देते है। साथ ही बहुत सारी शुभकामनाएं भी दी जाती है।

इस तरह रक्षा बंधन का पवन पर्व मनाया जाता है। साथ ही अच्छे और स्वादिष्ट पकवान भी बनाये जाते है। जो बहनें अपने भाई से दूर है वह अपने भाई को राखी भेज देती है।

इस बार रक्षा बंधन रविवार के दिन 26 अगस्त को मनाया जाने वाला है। आप भी अपने भाई को राखी बांधकर हर्षो उल्लास के साथ इस त्यौहार को मनाये और स्वादिष्ट व्यंजनों का भी आनंद उठाये।

Note – आजकल ऑनलाइन भी राखियां भी भेजी जा सकती है जिसे आप आसानी से भेज सकते है।

आज के लेख में आपने Raksha Bandhan Information in Hindi जानी। तो इस त्यौहार को आप अपने पूरे परिवार के साथ मनाएं और अपने भाई या बहन को ख़ुशियाँ दें।

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Ashtavinayak: अष्टविनायक के आठ मंदिरों का दर्शन करने से मिलेगा आपको महापुण्य https://hrelate.com/astrology/ashtavinayak/ Wed, 01 Aug 2018 14:46:55 +0000 https://hrelate.com/astrology/?p=16834 हम सब जानते हैं की महाराष्ट्र और आस पास के इलाकों में गणपति पूजन का बहुत क्रेज रहता है। ख़ास कर के गणेश चतुर्थी के समय के समय तो माहौल बहुत ज्यादा भक्तिमय हो...

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हम सब जानते हैं की महाराष्ट्र और आस पास के इलाकों में गणपति पूजन का बहुत क्रेज रहता है। ख़ास कर के गणेश चतुर्थी के समय के समय तो माहौल बहुत ज्यादा भक्तिमय हो जाता है। महाराष्ट्र में गणपति पूजा की जड़ें बहुत प्राचीन काल से मजबूत हैं। इसीलिए महाराष्ट्र में गणपति के अष्टविनायक रूप के आठ अलग अलग मंदिर बने हुए है। सनातन वैदिक धर्म में Ashtavinayak Temples का बहुत महत्त्व माना जाता है।

ये सभी आठ गणेश मंदिर Ashtavinayak Route में आते हैं जिसमे से जहाँ 6 मंदिर पुणे जिले में स्थित हैं और वहीं 2 मंदिर रायगढ़ जिले में है। Ashtavinayak Name दो शब्दों से मिल कर बना है, एक अष्ट जिसका मतलब होता है आठ और दूसरा विनायक जो गणेश भगवान का एक नाम है। इन्ही के मेल से बनता है अष्टविनायक और उनके आठ महत्वपूर्ण मंदिर।

भगवान गणेश या फिर श्री विनायक जी को सनातन धर्म में बुद्धि तथा विद्या के आदि देवता के रूप में माना जाता है। गणेश देवों में “प्रथम आराध्य” भी कहे जाते हैं, इसका अर्थ हुआ की किसी भी देवता की पूजा हो या फिर कोई भी यज्ञ अनुष्ठान हो उसमे सर्वप्रथम पूजा भगवान गणेश की होती है। कहा जाता है की भगवान गणेश की प्रथम पूजा ना करने से वो पूजा, यज्ञ, अनुष्ठान अधूरी मानी जाती है।

आज के वक़्त में महाराष्ट्र के साथ साथ देश के बहुत सारे दुसरे भागों में भी गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत हीं धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। गणेश भक्तों का ऐसा मानना होता है की हर व्यक्ति को अपनी जिंदगी में एक बार भगवान् अष्टविनायक के सभी आठों मंदिरों की यात्रा कर के Ashtavinayak Darshan ज़रूर करनी चाहिए। आज के लेख में पढ़ते हैं Ashtavinayak के सभी मंदिरों के बारे में विस्तार से।

Ashtavinayak: जाने अष्टविनायक के सभी आठ मुख्य मंदिरों के महत्व

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श्री मयूरेश्वर मंदिर (Shree Mayureshwar Ganapati Temple)

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  • पुणे जिले के मोरगाँव इलाके में अवस्थित है मयूरेश्वर विनायक का महत्वपूर्ण मंदिर । इस मंदिर को मोरेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह मंदिर पुणे शहर से लगभग 80 किलोमीटर दूर अवस्थित है। इस मंदिर के संरचना की बात करें तो इसके चारों कोनों में मीनारें हैं और लंबे लंबे पत्थरों की दीवारें हैं।
  • इस मंदिर में चार अलग अलग द्वार भी हैं जिनका नाम चारों युगों पर आधारित है। ये नाम क्रमशः सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग तथा कलियुग हैं।
  • यहां पर भगवान गणेश की प्रतिमा बैठी हुई अवस्था में अवस्थित हैं और प्रतिमा की सूंड बाएं दिशा में है। इसके अलावा उनकी चार भुजाएं है और तीन नेत्र भी हैं। यहां एक नंदी की प्रतिमा भी है।
  • कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है की इसी जगह पर भगवान विनायक ने मोर पर सवार हो कर युद्ध के दौरान सिंधुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसी वजह से इस स्थान का नामाकरण मयूरेश्वर हुआ।

सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple)

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  • अहमदनगर जिले में अवस्थित सिद्धटेक के सिद्धिविनायक मंदिर पुणे शहर से 200 किलोमीटर की दूरी पर भीम नदी के किनारे है।
  • यह मंदिर लगभग 200 साल पुराना है और इसे पेशवा काल में बनाया गया था । इस मंदिर का मुख्य मंडप इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने बनवाया था ।
  • कथाओं के अनुसार सिद्धटेक में हीं भगवान विष्णु ने बहुत सारी सिद्धियां प्राप्त हुई थीं।
  • इसी सिद्धटेक के एक पहाड़ की शिखर पर सिद्धिविनायक मंदिर बना हुआ है जसका मुख्य द्वार उत्तर दिशा की तरफ है।
  • इस विशेष मंदिर की परिक्रमा पूरी करने के लिए भक्त गण पहाड़ की यात्रा करते हैं।
  • सिद्धिविनायक मंदिर के गर्भगृह में गणेशजी की प्रतिमा की ऊंचाई 3 फीट तथा चौड़ाई ढाई फीट है। यहां भगवान गणेश की सूंड सीधे हाथ की तरफ अवस्थित है।

बल्लालेश्वर मंदिर (Ballaleshvar Temple)

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  • Ashtavinayak Ganpati के मंदिरों में आने वाला यह मंदिर रायगढ़ जिले के पाली गांव में अवस्थित है।
  • इस मंदिर का नामाकरण भगवान गणेश के एक अनन्य भक्‍त बल्‍लाल के नाम पर हुआ है।
  • बल्‍लाल के परिवार ने बल्लाल की अथाह गणेश भक्‍ति से परेशान हो कर उसे गणपति की मूर्ती के साथ वन में फेंक दिया था।
  • वन में भी बल्लाल ने सिर्फ भगवान गणपति को सुमिरन करते हुए अपना सारा वक़्त बिता दिया था। उसकी इतनी अगाध भक्ति से खुश हो कर गणेश जी ने उसे इसी स्थान पर दर्शन दिए और फिर इसी कारण से बाद में भक्त बललाल के नाम पर यहाँ मंदिर निर्माण हुआ।
  • बता दें यह मंदिर मुंबई पुणे हाइवे पर नागोथाने से 11 किलोमीटर दूर में स्थित है।

वरदविनायक मंदिर (Varadvinayak Temple)

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  • अब नंबर आता है रायगढ़ के कोल्हापुर में स्थित वरदविनायक मंदिर का । रायगढ़ जिले में खोपोली इलाके के पास महाड नामक गांव में यह मंदिर अवस्थित है।
  • मराठी भाषा में वरद विनायक का मतलब होता है “वरदान देने वाले” । माना जाता है की इस मंदिर में आने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
  • इस मंदिर में विराजित गणपति की मूर्ती साल 1690 समीप के एक तालाब से मिली थी। इस मंदिर को सूबेदार रामजी महादेव ने साल 1725 में बनवाया था।
  • इस मंदिर की खासियत है नंददीप नामक दीपक जो साल 1892 से कभी बुझा नहीं है।
  • इस मंदिर में अवस्थित मूर्ती तथा यहाँ का परिसर बहुत पुराना है। यह एकमेव अष्टविनायक मंदिर कहलाता है जहाँ गणेश भक्त खुद मूर्तियों के नजदीक जा कर पूजा अर्चना कर सकते हैं।
  • मंदिर के गर्भगृह में दो मूर्तिया रखी हैं जिनमे एक श्री वरद विनायक की हैं जिनकी सूँड़ बायीं दिशा में है और दूसरी संगमरमर से निर्मित मूर्ती है जिसकी सूँड़ दायीं दिशा में है।

चिंतामणी मंदिर (Chintamani Temple)

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  • यह मंदिर थेऊर नामक एक गांव में अवस्थित है जो पुणे शहर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है।
  • थेऊर गांव में का यह अष्टविनायक मंदिर मूला, मुठ और भीम नाम की तीन नदियों के संगम के समीप अवस्थित हैं। इस मंदिर का निर्माण माधवराओ पेशवा ने करवाया था।
  • भक्तों की ऐसी मान्‍यता है कि इस मंदिर में अगर कोई विचलित मन के साथ आता है तो उसकी सारी उलझने यहाँ पर दूर हो जाती हैं और उसे शांति मिल जाती है।
  • इस मंदिर से भी एक अहम कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार यहाँ पर भगवान ब्रह्मा ने स्वयं अपने विचलित मन को शांत किया था और शांति के लिए उन्होंने इस स्थान पर तपस्या की थी।

गिरिजात्मज अष्टविनायक मंदिर (Girijatmaj Ashtavinayak Temple)

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  • महाराष्ट्र के लेण्याद्री नामक एक गांव में अवस्थित है यह गिरिजात्मज अष्टविनायक मंदिर।
  • इस मंदिर के नाम का मतलब होता है ‘गिरिजा के आत्‍मज’ अर्थात माता पार्वती के पुत्र अर्थात साक्षात भगवान गणेश।
  • यह अष्टविनायक मंदिर पुणे-नासिक राजमार्ग पर अवस्थित है। पुणे शहर से इसकी दूरी लगभग 90 किलोमीटर की है।
  • इसका निर्माण लेण्याद्री नामक पहाड़ पर अवस्थित बौद्ध गुफाओं के स्थान पर किया गया है।
  • इस पहाड़ पर कुल 18 बौद्ध गुफाएं बनी हुई हैं जिनमे से 8वीं गुफा में गिरजात्मज विनायक के मंदिर हैं।
  • इन सभी गुफाओं को सम्मलित रूप से गणेश गुफा के नाम से भी जाना जाता है।
  • पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर तक जाने के लिए आपको 300 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
  • इस पूरे मंदिर को एक ही बड़े से चट्टान को काटकर बनाया गया है।

विघ्नेश्वर अष्टविनायक मंदिर (Vighneshwar Ashtavinayak Temple)

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  • यह मंदिर जूनर तालुका में के ओजार में बहने वाली कुकड़ी नदी के किनारे अवस्थित है।
  • पुणे शहर से इस मंदिर की दूरी 80 किलोमीटर है और यह मंदिर पुणे-नासिक राजमार्ग पर स्थित है।
  • यहाँ की लोककथाओं के अंतर्गत विघनासुर नाम का एक असुर था जिसने संतों और ऋषियों को परेशान कर रखा था।
  • भगवान गणेश ने इसी स्‍थान पर उस राक्षस का वध कर के ऋषिओं की मदद की थी।
  • तभी से यहाँ मंदिर विघ्नेश्वर, विघ्नहर्ता तथा विघ्नहार के रूप में जाना जाने लगा।

महागणपति मंदिर (Mahaganapati Temple)

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  • पुणे के नजदीक एक छोटा सा गांव है, नाम है राजणगांव । इसी गांव में महागणपति मंदिर अवस्थित है। इस मंदिर का निर्माण माधवराओ पेशवा ने करवाया था।
  • इस मंदिर के गर्भगृह में महागणपति का दिव्य स्वरुप अवस्थित है जिसे गणेश भगवान का सबसे शक्तिशाली रूप कहा जाता है। इस मूर्ती के कुल 10 सूँड़ और 20 हाथ है।
  • कथाओं के अनुसार त्रिपुरासुर से युद्ध करने जाने से पहले स्वयं भगवान शिव ने महागणपति के इस स्वरुप की आराधना की थी।
  • इसलिए इस स्थान को त्रिपुररिवदे महागणपति के नाम से भी जाना जाता है।
  • जब सूर्य दक्षिणायन होता है तह सूर्य की किरणे महागणपति की मूर्ती पर पड़ती है।
  • इस मंदिर का अगला हिस्सा पूर्व दिशा की तरफ है और इसके सामने एक भव्य प्रवेश द्वार भी बना हुआ है। प्रवेश द्वार पर जय-विजय जिन्हे वैकुण्ठ का द्वारपाल माना जाता है की मूर्तियां हैं।
  • इस मंदिर का आरम्भिक निर्माण 9-10वीं सदी के मध्य करवाया गया था ऐसा माना जाता है।
  • यहां अवस्थित गणपति की प्रतिमा को माहोतक के नाम से भी जाना जाता है।
  • यहाँ की ऐसी मान्यता है की यहाँ की गणपति की मूल प्रतिमा को विदेशी आक्रमणकारियों से बचाने के लिए मंदिर के तहखाने में छुपा कर रखा गया है।

तो ये थे अष्टविनायक के नाम से मशहूर महाराष्ट्र के आठ प्रमुख गणेश मंदिर जहाँ भगवान गणपति के दर्शन पा कर आपका जीवन धन्य हो जाता है। अपने जीवनकाल में एक बार इन सभी मंदिरों ज़रुर कर लेना चाहिए। ख़ास कर के अपने माता पिता को इन मंदिरों के दर्शन ज़रूर करवाने चाहिए। इन मंदिरों का विशेष महत्व होता है और गणेश चतुर्थी के समय इन मंदिरों में भक्तों की बहुत ज्यादा भीड़ बनी रहती है।

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Chandra Grahan In Hindi: चंद्र ग्रहण के समय क्या करे और क्या ना करे https://hrelate.com/astrology/chandra-grahan-in-hindi/ Mon, 23 Jul 2018 12:49:50 +0000 https://hrelate.com/astrology/?p=16824 ग्रहण के बारे में तो आप बचपन से सुनते आ रहे होंगे। आप ने किताबों में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बारे में पढ़ा भी होगा। हो सकता है आपने सूर्य ग्रहण और...

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ग्रहण के बारे में तो आप बचपन से सुनते आ रहे होंगे। आप ने किताबों में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बारे में पढ़ा भी होगा। हो सकता है आपने सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को देखा भी हो।

आपको बता दे की भारतीय संस्कृति में ग्रहण का विशेष स्थान है। हिन्दू धर्म में चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। जिसके कारण प्राचीन काल से चंद्र ग्रहण के दौरान हमारे पूर्वज कुछ नियमों का पालन करते आ रहे है क्योंकि इसका प्रभाव मनुष्यों पर पड़ता है।

ग्रहण में कई ऐसे कार्य हैं जिसे नहीं किये जाते है। लोग सारे कार्य छोड़कर भगवान् की आराधना करते है। आपने कभी सोचा है की ग्रहण होने से मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है ? यदि ग्रहण लगे तो क्या करना चाहिए ?

आज इस लेख में हम आपको चंद्र ग्रहण के बारे में बताने जा रहे है। हम बताएँगे की यह हमारे ऊपर किस प्रकार का असर डाल सकता है। आईये जानते है Chandra Grahan In Hindi.

Chandra Grahan In Hindi: जाने चंद्र ग्रहण के प्रभाव और सावधानियों के बारे में

Chandra Grahan In Hindi

क्या होता है चंद्र ग्रहण?

  • चंद्र ग्रहण की स्थिति तब आती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के मध्य आ जाती है। जिसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इसमें चंद्रमा का या तो पूरा भाग ढक जाता है या फिर आधा ढकता है।
  • जब चन्द्रमा पूर्ण रूप से ढक जाता है तो उसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है। और जब चन्द्रमा आधा ढका होता है तो उसे अर्ध चंद्र ग्रहण कहते है।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओ को विशेष ध्यान रखना होता है साथ ही इस दौरान भोजन भी नहीं किया जाता है।

Chandra Grahan Pregnancy Effect

चंद्र ग्रहण का प्रभाव गर्भवती महिला पर पड़ता है जिसके कारण उसके शिशु को हानि पहुंच सकती है। जिसके कारण गर्भवती महिला को ग्रहण में विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

  • ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणें शिशु को हानि पंहुचा सकती है। इसलिए ग्रहण के समय महिला को घर से बाहर जाने के लिए मना किया जाता है।
  • ग्रहण के दौरान किसी भी नुकीली या फिर पैनी चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जैसे कैंची, सुई या चाकू आदि। ऐसा कहा जाता है की यदि गर्भवती महिला ग्रहण के समय नुकीली चीजों का इस्तेमाल करती है तो उसका असर बच्चे के अंगो पर पड़ता है। शिशु के अंगो में विकृति आ जाती है।
  • वैसे तो गर्भवती महिला को थोड़ा थोड़ा खाना दिनभर में खाते रहना चाहिए लेकिन यदि ग्रहण पड़ रहा है तो उस समय खाना नहीं खाने की सलाह दी जाती है।
  • जिस कमरे में गर्भवती महिला रह रही है उसके खिड़कियों और दरवाज़ों को मोटे चादर या पेपर से ढक देना चाहिए ताकि चन्द्रमा का प्रकाश कमरे में ना आने पाए क्योंकि यह प्रकाश बच्चे को हानि पंहुचा सकता है।
  • गर्भवती महिला को ग्रहण के दौरान पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसा करने से ऐसा माना जाता है की शिशु की त्वचा सूख हो जाती है।
  • महिला को ग्रहण के दौरान सोना भी वर्जित माना गया है।
  • ग्रहण के समाप्त होने के बाद महिला को नहाना चाहिए ऐसा नहीं करने से बच्चे को बीमारियाँ हो सकती है।

ग्रहण के समय भोजन क्यों नहीं करना चाहिए ?

  • ऐसा कहा जाता है की ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए और यदि भोजन रखा हुआ है तो उसे भी नहीं खाना चाहिए।
  • बैक्टेरिया का संक्रमण ग्रहण के समय में सबसे अधिक होता है। जिसका संक्रमण भोजन पर भी हो सकता है इसलिए ग्रहण में भोजन नहीं किया जाता है।
  • ग्रहण के समय खाद्य पदार्थ, जल आदि में सूक्ष्म जीवाणु इकट्ठा हो जाते है जिससे वह दूषित हो जाता है। जिसके कारण खाद्य पदार्थों को खाना नहीं चाहिए।
  • वैज्ञानिकों का मानना है की ग्रहण के समय पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है जिसके कारण यदि भोजन किया जाये तो अपच की समस्या उत्पन्न हो जाती है इसलिए ग्रहण में भोजन नहीं किया जाता है।

Moon Eclipse के दौरान रखने वाली सावधानियां

गर्भवती महिलाओ के अतिरिक्त सामान्य लोगो को भी ग्रहण में कुछ सावधानियों को बरतने की आवश्यकता होती है। जैसे –

  • ग्रहण के समय खाना पीना नहीं चाहिए और जैसे ही ग्रहण समाप्त होता है स्नान करना चाहिए।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान मल- मूत्र त्याग, सर में तेल और कंघी, ब्रश आदि काम नहीं करने चाहिए।
  • ग्रहण से बचाव करने के लिए घर में रखे जल और अन्न में तुलसी या फिर दूर्वा डालना चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान सोना भी मना होता है। कहा जाता है की इस दौरान प्रार्थना और भगवान् की आराधना में समय बिताना चाहिए। मूर्ति पूजा करना भी ग्रहण में वर्जित होता है। ग्रहण के दौरान मंदिर के पट भी बंद रखे जाते है।

कितना होता है सूतक काल –

  • ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक लगता है जिसमे भी उपरोक्त चीजों को नहीं करना चाहिए।
  • सूतक का अर्थ ख़राब समय या फिर ऐसे समय से होता है जब प्रकृति ज्यादा संवेदनशील होती है।

नोट – बच्चों, बूढ़ो और बीमार व्यक्ति को ग्रहण का प्रभाव नहीं लगता है। इस दौरान यह अपनी दवाओं का सेवन कर सकते है साथ ही आराम भी कर सकते है।

ग्रहण के दौरान क्या करे –

  • ग्रहण के समय भगवान की आराधना करना अच्छा होता है।
  • तुलसी दल को सूतक के पहले ही तोड़ लेना चाहिए और इसे खाद्य पदार्थ जो फेकने योग्य नहीं है जैसे की दूध, जल अनाज आदि में डाल देना चाहिए।
  • जितना हो सके धार्मिक पुस्तकों को पढ़े। यह ग्रहण के दौरान लाभकारी होती है।
  • इस दौरान बुरा नहीं सोचना चाहिए। सकारात्मक विचारों को ही मन में लाना चाहिए।
  • सूतक से दौरान भी भोजन को कलह कर ख़त्म कर ले ताकि ग्रहण के दौरान न खाना पड़े।
  • ग्रहण के समाप्त होने के बाद घर में घी और खीर से हवन करना अच्छा होता है ऐसा करने से आपको लाभ की प्राप्ति होती है साथ ही लंबे रोग से छुटकारा भी मिलता है।

इस तरह ग्रहण के दौरान उपरोक्त चीजों को नहीं करना चाहिए।यह मान्यताएं प्राचीन काल से चली आ रही हैं। हालाँकि वैज्ञानिक तौर पर सभी चीजों की पुष्टि पूर्ण रूप से नहीं हुयी है। परन्तु इन मान्यताओं को माना जाता आ रहा है। इसलिए इन चीजों का ध्यान रखे।

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Guru Purnima: गुरु पूर्णिमा की महत्ता है अनमोल, इस उपलक्ष पर लें अपने गुरु का आशीर्वाद https://hrelate.com/astrology/guru-purnima/ Fri, 20 Jul 2018 08:26:55 +0000 https://hrelate.com/astrology/?p=16815 गुरु पूर्णिमा एक ऐसा दिन होता है जिसे हिन्दू ही नही बल्कि सिख, बौद्ध और जैन आदि धर्म के लोग भी बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है। शास्त्रों में गुरु शब्द का...

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गुरु पूर्णिमा एक ऐसा दिन होता है जिसे हिन्दू ही नही बल्कि सिख, बौद्ध और जैन आदि धर्म के लोग भी बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है। शास्त्रों में गुरु शब्द का अर्थ बहुत अच्छा बताया गया है। इसमें गु का अर्थ बताया गया है- अंधकार या अज्ञान और रु का का अर्थ बताया गया है- अंधकार को रोकने वाला अर्थात् गुरु ही एक ऐसा इंसान है जो मानव जीवन में फ़ैल रहे अंधकार को मिटा सकता है।

Guru Poornima के दिन हर शिष्य अपने गुरु का अभिवादन करता है उनका धन्यवाद करता है उन्हें बताता है बिना गुरु के उसका जीवन अंधकारमय है। हर शिष्य के जीवन में गुरु की अपनी एक अलग ही जगह होती है। बिना गुरु के हम अपने जीवन को सही मार्गदर्शन नही दे सकते। दुनिया में एक मुकाम हासिल करने के लिए गुरु की भूमिका बहुत अहम् होती है। फिर चाहे वो खेल हो या शिक्षा जगत हो बिना गुरु के सफलता की ऊचाई तक नही जाया जा सकता।

Guru Purnima के इस पवित्र दिन को प्राचीन काल से ही हमारे धर्म में बहुत शुभ माना गया है। प्राचीन काल में जब शिष्य गुरुकुल में रहकर शिक्षा अर्जित करते थे तो गुरु पूर्णिमा के दिन श्रद्धा भाव से अपने गुरु का पूजन करते थे उनकी सेवा करते थे और अपने गुरु का धन्यवाद करने के लिए इस दिन को मनाते थे।

वैसे तो सभी के जीवन में कोई न कोई गुरु अवश्य होता है पर गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुमहाराज यानि की भगवान दत्तात्रेय की भी विशेष पूजा अर्चना की जाती है क्योंकि भगवान दत्तात्रेय में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी तीनों के रूप है इसलिए इन्हें इस संसार का गुरु माना जाता है। जानते है Guru Purnima.

Guru Purnima: जाने क्यों होती है गुरु पूर्णिमा पर गुरुओं की पूजा

Guru Purnima

गुरु पूर्णिमा का महत्त्व (Guru Purnima History)

आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनायी जाती है। इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ में आती है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के अवतार महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। उनका नाम कृष्ण द्वैपाय व्यास था क्योंकि उन्होंने चारो वेदों की रचना की थी इसलिए उन्हें वेद व्यास के नाम से भी जाना जाता है। वेद व्यास जी ने महाभारत जैसे आदि कई महान ग्रंथो की रचना की है। कौरव और पांडव भी उन्हें गुरु का दर्जा देते थे गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। व्यास जी को आदिगुरू भी कहा जाता है। पुराणों के रचनाकार होने के कारण महर्षि वेदव्यास जी को प्रथम गुरु होने का सम्मान मिला है। कहा जाता है जैसे बादल की घटा सभी पर बिना किसी भेदभाव के बरसती है उसी तरह इस दिन गुरुओं की कृपा बिना किसी भेदभाव के हर किसी पर बरसती है। कोई भी शिष्य चाहे जहाँ भी हो वो इस पावन गुरु पूर्णिमा के दिन को मनाना नही भूलता है। इस दिन शिष्य के गुरु चाहे कितनी भी दूर क्यों न हो हर शिष्य इस दिन अपने गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करता ही है। गुरु पूर्णिमा को बाकि सभी पूर्णिमाओ में से सबसे श्रेष्ठ माना गया है जब की गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु में आती है तो इस दिन चाँद की रौशनी बादलों की वजह से धरती पर कम पड़ती है पर इस दिन गुरुओं का प्रकाश ही इस पावन धरती को रोशन करता है। गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से सावन के पवित्र महीने की भी शुरुआत होती है।

गुरु पूर्णिमा के दिन क्या करे ?

गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्यों को अपने गुरु की पद पूजा ज़रुर करनी चाहिए ऐसा करने से उनकी बुद्धि का विकास होता है और गुरु की कृपा उन पर सदैव बनी हुई रहती है।
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के पूजन मात्र से ही जगत के पालनहार तीनों देव भगवान शिव, ब्रह्मा और विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है।
धनुर्धर अर्जुन के गुरु द्रोणाचार्य से लेकर वर्तमान के महशूर सचिन तेंदुलकर के गुरु रमाकांत अचरेकर जैसो ने गुरु की शक्ति को कायम रखा है और इन शिष्यों ने भी अपने गुरुओं का मान-सम्मान सदा कायम रखा है।

बौद्ध धर्म में महत्व

बौद्ध धर्म में इस दिन का अपना एक अलग ही महत्व है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान बुद्ध ने उत्तर प्रदेश के सारनाथ में प्रबुद्धता प्राप्‍त करने के बाद अपना पहला उपदेश दिया था। इस तरह बौद्ध धर्म में इस दिन को खास मान लिया जाता है।

जैसे सूर्य के ताप से तप्ती हुई भूमि को वर्षा के जल से शीतलता और फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है, ऐसे ही गुरुचरण में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शांति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। इस पवित्र दिन का जितना भी बखान किया जाये कम ही है। योग परंपरा में इस दिन का एक अलग महत्व है। इस दिन भगवान् शिव को पहला गुरु माना गया तथा उनके योग ज्ञान के प्रसार को सप्तऋषियो द्वारा इसी दिन शुरू किया गया था।

जैन धर्म में महत्व

जैन परम्पराओं के मुताबिक, इस दिन “चौमास” की शुरुआत होती है अर्थात चार महीने बरसात के मौसम की शुरुआत होती है I जैन धर्म में गुरुओं को बहुत ऊंचा स्थान दिया जाता है और कहा जाता है कि साधु हो जाना सिद्धों या फिर अरिहंतों की प्रथम सीढ़ी की तरह होती है और साधु ही गुरु बनकर दीक्षा देने के काबिल होता है।

गुरु पूर्णिमा के दिन अगर आपने गुरु से कोई गुरु नाम लिया हुआ हो तो आपको उस गुरु मंत्र का जाप भी करना चाहिए वैसे तो हर दिन गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए पर इस दिन विशेष रूप से गुरु मंत्र और गुरु का आह्वान करना चाहिए ऐसा करने से आप पर गुरु की कृपा सदा बरसती रहेगी साथ ही आपके घर में खुशहाली का माहौल भी बना रहेगा।

Guru Purnima Information

गुरु पूर्णिमा के पावन दिन पर भगवान साईं की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। क्योंकि एक गुरु ही भगवान को पाने का मार्ग बताता है। एक सच्चा गुरु अपने शिष्य को सदा धर्म के रास्ते पर चलने के लिए अग्रसर करता है।

आज के लेख में आपने गुरु पूर्णिमा की महत्ता के बारे में विस्तार से पढ़ा। आने वाले गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु की पूजा ज़रूर करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

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Makar Rashi Name: मकर राशि में जन्मे बच्चों के लिए आकर्षक नाम https://hrelate.com/astrology/makar-rashi-name/ Wed, 04 Jul 2018 14:04:47 +0000 https://hrelate.com/astrology/?p=16798 राशियों का मनुष्य के व्यक्तित्व पर काफी प्रबल प्रभाव पड़ता है। राशियों के हिसाब से उनके व्यवहार और कद काठी के बारे पता लगाया जा सकता है। हर एक मनुष्य 12 में से किसी...

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राशियों का मनुष्य के व्यक्तित्व पर काफी प्रबल प्रभाव पड़ता है। राशियों के हिसाब से उनके व्यवहार और कद काठी के बारे पता लगाया जा सकता है। हर एक मनुष्य 12 में से किसी एक राशि का होता है।

मकर राशि 10वी राशि होती है राशि चक्र में। हर राशि के अपने कुछ राशि चिन्ह होते है और साथ ही कुछ ग्रह स्वामी भी होते है वैसे ही मकर राशि के ग्रह स्वामी न्याय प्रिय और सूर्य देव के पुत्र शनि देव है।

राशियों के अनुसार राशि के जातको के लिए कुछ सावधानियां और कुछ विशेषताएँ बताई जाती है जिससे की मनुष्य को अपने जीवन में सफल होने का मार्ग चुनने में मदद मिलती है।

इस लेख आज हम आपको बता रहे की मकर राशि के बच्चों के लिए किस तरह के नाम रखना चाहिए जो उनके व्यक्तित्व को निखारने के साथ साथ उन्हें जीवन में आगे बढ़ाएगा।  इस लेख में पढ़े Makar Rashi Name.

Makar Rashi Name: जाने मकर राशि के बच्चो के कुछ शुभ फलदायक नाम

Makar Rashi Name

मकर राशि को कैप्रीकॉर्न (Capricorn Zodiac) के नाम से भी जाना जाता है। मकर राशि के बच्चे काफी ज्यादा मेहनती, बुद्धिवान और सतर्क रहने वाले व्यवहार के होते है। इस राशि के जातक कभी ही कोई ऐसा काम नहीं करते जिससे की उन्हें आगे चल के पछताना पड़े। यह काफी ज्यादा भरोसेमंद इंसान होते है और आगे जीवन में ये जिस किसी के साथ भी काम करते है उन्हें काम करने में मज़ा आता है।

मकर राशि में जन्मे बच्चे किसी भी परिस्थिति से गुज़रे वे अपना रास्ता खुद बना लेते है। इसी के साथ ये लोग काफी महत्वकांक्षी होते है। लेकिन हर समस्या का समाधान ये शांति से निकालते है। इस राशि के बच्चे अनुशासित होते है और साथ ही यह दिखने में भले ही सबका ध्यान अपनी ओर नहीं खींच पाते लेकिन अपने मज़ाकिया मिजाज की वजह से यह आकर्षण का केंद्र बनते है।

एक बार ये जो भी करने की ठान ले फिर उस काम को पूरा कर के ही शांति से बैठते है। साथ ही यह अपने मन में बिना किसी स्वार्थ के समाज सेवा करने का भाव भी रखते है। मकर राशि के स्वामी शनि होने के कारण मकर राशि के जातको में आत्मविश्वास भरपूर होता है। लेकिन इस राशि में आने वाले लोग अपने कामो को खुद ही बिगाड़ भी लेते है, अपने मूडी स्वभाव के कारण किसी भी चीज़ को पाने के लिए बहुत ज्यादा एनर्जी लगा देते है।

मकर राशि के बच्चों के नाम भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा या गी से शुरू होते है। मकर राशि के बच्चों के जन्म नाम इन में से किसी एक अक्षर से रखा जाता है जिससे उनके व्यवहार और जीवन में सफलता के बारे में बताया जा सकता है। साथ ही इस राशि के बच्चे काफी परिश्रमी भी होते है।

मकर राशि के बच्चों के नाम “भो” या “भ” से Makar Rashi Names for Girl

हिंदी नाम इंग्लिश नाम अर्थ
भगवती Bhagvati प्रजापति
भवानी Bhavani भाव की पत्नी
भवनिका Bhavnika एक महल में रहते हैं
भाविनी Bhavini भावनाओं सहित
भाग्यवि Bhagyvi मेरे शरीर में
भुविका Bhuvika स्वर्ग
भविश्य Bhavishy भविष्य
भागवत Bhagvat सहज ज्ञान युक्त, और रचनात्मक
भ्रेओन्न Bhreonna बस सुंदर
भानुमति Bhanumti दुर्योधन की पत्नी
भगेश्री Bhageshri समृद्धि, सौंदर्य
भूमी Bhumi पृथ्वी
भूमिका Bhumika पृथ्वी
भाग्यवती Bhagyvati भाग्यशाली
भवानिका Bhavanika एक महल में रहते हैं
भाग्यवथी Bhagyvathi लक्ष्मी
भागवन्ती Bhagyvanti भाग्यशाली
भैरवी Bhairavi देवी दुर्गा
भानुजा Bhanuja यमुना नदी
भव्यं Bhabnya हमेशा के लिये

Makar Rashi Boy Name

हिंदी नाम इंग्लिश नाम अर्थ
भोजराज Bhojraj राजा भोज
भावानेश Bhavanesh घर का मालिक
भाव्यंश Bhavyansh बड़ा भाग
भव Bhav भगवान शिव
भावार्थ Bhavarth अर्थ
भारद्वाज Bhardvyaj गति और ताकत
भारुपा Bharupa चमक, प्रतिभाशाली
भौमेंद्र Bhomendra पृथ्वी के प्रभु
भावेसा Bhaves सांसारिक का स्वामी, शिव
भव्य Bhavy सुंदर, उपयुक्त
भिमवेगा Bhimvega तेज, त्वरित
भुसना Bhusna आभूषण, ज़ेब
भुवना Bhuvna एक रुद्र, एक ऋषि
भाव Bhav महसूस, मौजूदा
भूषण Bhushan अलंकरण
भास्कर Bhaskar सूरज

मकर राशि के बच्चों के नाम “जा, जी,” या “ज” से

New Born Baby Name for Boy

हिंदी नाम इंग्लिश नाम अर्थ
जहीर Jahir सहायक, रक्षक, संरक्षक
जितेश JItesh विजेता
जगदेव Jagdev विश्व के भगवान
जाधव Jadhav एक यादव
जगवीर Jagvir विश्व विजेता
जगरूप Jagroop विश्व की छवि
जैविक Jaivik शुद्ध और परमात्मा
जैसल Jaisal प्रसिद्ध लोक
जलधर Jaldhar बादल
जलज Jalaj कमल
जलपेश Jalpesh पानी के राजा
जयेश Jayesh विजेता
जवेश Javesh भगवान के लिए संबंधित
जेशन Jeshan साफ़
जीलानी Jilani ताकतवर या शक्तिशाली
जयवंत Jayvant विजयी
जोश्व Joshv अजीब
जीवराज Jivraj जीवन का भगवान
जुहित Juhit चमक
जोथिराज Jothiraj प्रकाश के राजा, आग
जगद Jagad ब्रह्माण्ड
जीवन Jivan जीवन, पवन, बेटा
जोगेंद्र Jogendra योगियों का राजा
ज्वाला Jwala ज्योति, प्रकाश, चमक
जसवीर Jasvir प्रसिद्ध योद्धा

Hindu Girl Names

हिंदी नाम इंग्लिश नाम अर्थ
जानकी Janki देवी सीता
जान्सी Jansi जैसे जीवन
जामिनी Jamini रात
जलसा Jalsa उत्सव
जोशिता Joshita कृपा
जोषिका Joshika युवा युवती
जलापुष्पा Jalapushpa कुमुद
जलापदमा Jlapadma जल कमल
जलाधरा Jaladhra पनहारा
जलाजिनी Jalajini कमल का एक समूह
जलाहासिनी Jalahasni पानी की मुस्कान, कृष्ण की पत्नी
जयवती Jayvati जीतना
जयवनती Jayvanati चिरंजीवी
ज्योति Jyoti बहुत खूब, भोर
ज्योत Jyot शानदार
ज्वलिता Jvlita रोशन, उदय, प्रज्वलन
ज्वलना Jvalna उदय, ज्वलंत
जुस्ती Justi प्रेम, सेवा
जुही Juhi चमेली फूल
जीविका JIvika पानी

मकर राशि के बच्चों के नाम “खी, खू, खा, खो” या “ख” से

Cute Girl Names

हिंदी नाम इंग्लिश नाम अर्थ
खैरिया Khairiya अच्छा, धर्मार्थ
खुशी Khushi मुस्कान
ख्वाइश Khwaish इच्छा
ख्यति Khyati प्रसिद्धि

Latest Baby Boy Names

हिंदी नाम इंग्लिश नाम अर्थ
खनोम Khanom विश्वस्त
खेतक Khetak बालों में पहना सोने के आभूषण
खुसिला Khusila खुश, सुखद

मकर राशि के बच्चों के नाम “गा, गी” या “ग” से

Cute Baby Boy Names

हिंदी नाम इंग्लिश नाम अर्थ
गिरिवर Girivar भगवान कृष्ण
गिरीश Girish पर्वत के भगवान
गिरिक Girik भगवान शिव
गीतेश Gitesh गीत के भगवान
गिरवान Girvaan भगवान की भाषा
गुलशन Gulshan फूल के बगीचा
गुनीं Guni धार्मिक
गुरूराज Gururaj अध्यापक के मास्टर
गजानन्द Gajanand भगवान गणेश
गाथिका Gathika गीत
गिरिजा Girija पहाड़ की बेटी
गिरदेवी Girdevi भाषण की देवी
गिरिका Girika एक पर्वत का शिखर सम्मेलन
गितान्ली Gitanli गीत का प्रेमी
गीता Gita गीत, कविता
गीतिका Gitika एक छोटी गीत
गोदावरि Godavari पानी देने
गीति Giti गीत
गीताश्री Gitashvari दिव्य गीता
गीतांजलि Gitanjali एक भजन की भक्ति

इस ऊपर दिए लेख में आज हमने आपको बताये कुछ प्रचलित मकर राशि के बच्चों के लिए नाम। अगर आपके घर में भी कोई बच्चा थोड़े समय पहले पैदा हुआ है मकर राशि का तो आपको भी इस लेख से उसके लिए कोई अच्छा नाम चुनना चाहिए।

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Tula Rashi Name: तुला राशि में जन्मे बच्चों के नामकरण के लिए चुने नाम https://hrelate.com/astrology/tula-rashi-name/ Tue, 03 Jul 2018 05:51:17 +0000 https://hrelate.com/astrology/?p=16794 नाम रखने की अवधारणा कब शुरू हुई इसका सटीक ज्ञान तो किसी को नहीं है पर इतना कह सकते हैं की शायद इसी ने हम इंसानों को इस ब्रह्मांड में सबसे श्रेष्ठ बना दिया...

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नाम रखने की अवधारणा कब शुरू हुई इसका सटीक ज्ञान तो किसी को नहीं है पर इतना कह सकते हैं की शायद इसी ने हम इंसानों को इस ब्रह्मांड में सबसे श्रेष्ठ बना दिया और हम इस पोरे ब्रह्माण्ड में सबसे उच्च नस्ल के जीव बन कर सामने आये।

ज़रा सोचिये अगर हमारे नाम नहीं होते तो हमे कितनी ज्यादा समस्याएं पेश आती किसी को बुलाने में, शायद इसीलिए हम इंसान इस ब्रह्मांड के बाकी जीवों से बहुत आगे निकल गए और आज ब्रह्मांड के अनंत में भी अपनी पैठ बना रहे हैं।

नाम की अवधारणा के बात अगर हम भारतीय संस्कृति के परिपेक्ष में करें तो यह भी बहुत प्राचीन है और दूसरी संस्कृतियों से बहुत ज्यादा श्रेष्ठ है। हमारे संस्कृति में कई संस्कारों का जिक्र आता है जिसमे एक नामकरण संस्कार भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है जिसमे बच्चे का नाम रखा जाता है।

नामकरण  के समय भी कई बातों का ध्यान रखा जाता है और इनमे सबसे मुख्य है राशि के अनुसार नामकरण करने की बात। जैसा की हम सब जानते हैं की हर बच्चे का एक राशि में जन्म होता है और उस राशि के लिए कुछ अक्षर निश्चित माने गए हैं। अगर किसी बच्चे का नाम उसके राशि के अक्षरों पर रखा जाता है तो वो उसके लिए शुभ माना जाता है । आज के इस लेख में हम तुला श्री में जन्मे बच्चों के कुछ अच्छे और अलग नाम बताने जा रहे हैं। आइये पढ़ते हैं Tula Rashi Name.

Tula Rashi Name: जाने अपने बच्चों के लिए तुला राशि के कुछ अच्छे नाम

Tula Rashi Name

जब किसी बच्चे का घर में जन्म होता है तो लोग सबसे पहले यही सोचते हैं की आखिर क्या होगा New Born Baby Name for Boy या फिर क्या होगा Cute Girl Names? और इसी सलेक्शन में उनका बहुत सारा समय व्यतीत होता है। ये भी जिन्दगी का एक पल होता है जिसका सभी को आनंद उठाना चाहिए। वैसे इन्हीं नाम चुनने वालों में कुछ लोग कहते हैं की बच्चे का नाम जो भी रखो पर राशि के अनुसार रखो। राशि के अनुसार नाम रखने के लिए तो बहुत सारे लोग कहते हैं साथ हीं वो बताते हैं की इसके बहुत सारे फायदे बच्चे को पूरी जिन्दगी भर मिलते रहते हैं। तो आज हम 12 राशियों में से एक राशि तुला के नाम आपको बताएँगे, तो चलिए जानते हैं Libra Names.

तुला राशि के अंतर्गत आने वाले नाम का पहला अक्षर रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू और ते होना चाहिए। तुला राशि का चिह्न तराजू होता है और शुक्र इस राशि का स्वामी होता है। तुला राशि में जन्मे जातक के लिए यह बात अक्सर देखि जाती है कि ये अकेले रहने से बहुत ज्यादा नफरत करते हैं और हमेशा किसी ना किसी का साथ इन्हें जरूर चाहिए होता है।  आइये जानते हैं Hindu Boy Names और Hindu Girl Names जो तुला राशि के अक्षरों पर आते हैं।

तुला राशि के अनुसार लड़कों के नाम (Tula Rashi Name Boy)

हिंदी नाम इंग्लिश नाम अर्थ
त्याग Tyag त्याग देने वाला
त्वेशिन Tveshin आवेगी
तुविक्ष Tuviksh मजबूत
तुशीन Tushin संतुष्ट
तुषार Tushar बर्फ
तुराग Turag एक विचार
तुंगेश Tungesh चाँद
त्र्यक्ष Tryaksh भगवान शिव का नाम
त्रिपन Tripan सुखद
त्रियांश Triyansh तीन अंश
टियास Tiyas चांदी
तेवान Tevan धार्मिक
तेजुल Tejul तीव्र
तेजित Tejit तेज
तेजस Tejas चमक
तवनेश Tavanesh भगवान शिव का नाम
तरुनेश Tarunesh युवा
तरूष Taroosh भगवान शिव
तारंक Tarank रक्षक
तरंग Tarang लहर
तारक Tarak आँख की पुतली
तपोमय Tapomay नैतिक गुणों से भरा
तपित Tapit शुद्ध
तापेश Tapesh पवित्र मूर्ती
रुत्विक Rutvik भगवान् शिव का नाम
रुतविज Rutvij गुरु
रुतवेग Rutveg किसी भी वेग की हवा में यात्रा करने वाला
रुतेश Rutesh मौसम के प्रकार
रुपिंदर Rupinder सुन्दरता का भगवान
रुपिन Rupin सन्निहित सुन्दरता
रूपिक Rupik सुडौल
रुपेश Rupesh सुन्दरता का भगवान
रुपंग Rupang सुन्दर
रूपक Rupak रचना
रुकेश Rukesh शासक
रूहन Ruhan दयालू
रुद्वेद Rudved भगवान गणेश का नाम
रूद्र Rudra शिव
रूद्रांशु Rudranshu शिव का अंश
रूचित Ruchit उज्जवल
रुबिन Rubin उज्जवल
रौनक Rounak ख़ुशी
रोमेश Romesh भगमान राम
रोहनीश Rohnish चाँद

तुला राशि के अनुसार लड़कियों के नाम (Tula Rashi Name Girl)

हिंदी नाम इंग्लिश नाम अर्थ
ट्विंकल Twinkle चमकदार
ट्वीटी Tweety गाने वाली पक्षी
त्वरिता Tvarita देवी दुर्गा
तुष्टि Tushti शांति
तुषिका Tushika हिमपात
तुल्या Tulya एक सामान
तुलिका Tulika ब्रश
तृषा Trusha प्यास
त्रियामा Triyama रात
त्रिशोना Trishona इच्छा
तृष्णा Trishna प्यास
त्रिशिका Trishika देवी लक्ष्मी
त्रिपरणा Triparna बेल का पवित्र पत्ता
त्रिनेत्रा Trinetra तीन आँखों वाली
त्रिनयना Trinayana तीन आँखों वाली
त्रिधरा Tridhara गंगा नदी
तोशी Toshi चेतावनी
तोशल Toshal संगती
तिनकी Tinki मासूम
तियाना Tiana   राजकुमारी
तेजश्री Tejshri दिव्य शक्तियों वाली
तेजिनी Tejini उर्जावान
तेजस्विता Tejaswita चमक
तर्जनी Tarjani पहली ऊँगली
तराली Tarali आकाश के तारे का समूह
तापसी Tapasi
तान्या Tanya पारिवारिक
तन्वी Tanvi नाजुक
तनुश्री Tanushree एक दिव्य शरीर वाली
तनुष्का Tanushka मधुर
तनुषी Tanushi सुंदर
तनुषा Tanusha एक आशीर्वाद
तनुपा Tanupa भूख
तानुका Tanuka नाजुक
तनुजश्री Tanujashree बेटी
तन्मयी Tanmayi अपने में मग्न
तानिया Taniya परियों की राजकुमारी
तनिष्का Tanishka सोने की देवी
तनिषा Tanisha देवी दुर्गा
तनिमा Tanima सुंदर
तनिका Tanika अप्सरा
तालुनी Taluni युवा
तक्षिका Takshika परमानन्द
रूपसी Rupasi सुन्दर महिला
रुकमा Rukma स्वर्ण
रूहिका Ruhika इच्छा
रूही Ruhi आत्मा
रुचिता Ruchita भव्य
रुचिका Ruchika इच्छुक
रुबिनी Rubini प्यारा
रोशिता Roshita प्रबुद्ध
रुपाली Rupali सुंदर
रोणिका Ronika सत्य
रोमिला Romila हार्दिक
रोमशा Romasha राजा की पत्नी
रोली Roli सिन्दूर
रोहिता Rohita भगवान् ब्रह्मा की बेटी
रोहाना Rohana चन्दन
रोचना Rochana लाल कमल
रियंका Riyanka सुंदर
रीति Riti विधि
रीता Rita सम्मानित
रिस्वा Risva पवित्र
रिपांशी Ripanshi भगवान का बच्चा
रीपा Ripa पहाड़ों के मास्टर

आज के इस लेख में हमने कुछ Hindu Baby Girl Names और कुछ Hindu Baby Boy Names बताये जो की तुला राशि के अक्षरों से शुरू होते हैं। अगर आपके भी घर में बच्चा या बच्ची हुई है जो तुला राशि का है तो आप इस लेख में बताये गए नामों में से की एक उस बच्चे को दे सकते हैं। राशि के अक्षरों पर नाम रखने से बच्चे के भविष्य पर अच्चा प्रभाव पड़ता है तो फिर सोचना क्या जल्दी से लेख में बताये नामों में से एक का चयन करें और अपने बच्चे को दें एक बेहतर भविष्य।

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Kumbh Rashi Name: चुने कुम्भ राशि के बच्चों के लिए शुभ नाम https://hrelate.com/astrology/kumbh-rashi-name/ Fri, 29 Jun 2018 06:38:01 +0000 https://hrelate.com/astrology/?p=16789 अंग्रेजी के मशहूर कवि और नाटककार विलियम शेक्सपियर की मशहूर युक्ति है जिसमे वो कहते हैं की ‘नाम में क्या रखा है’ परन्तु अगर हम इस कथन को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखें तो पायेंगे...

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अंग्रेजी के मशहूर कवि और नाटककार विलियम शेक्सपियर की मशहूर युक्ति है जिसमे वो कहते हैं की ‘नाम में क्या रखा है’ परन्तु अगर हम इस कथन को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखें तो पायेंगे की ‘नाम में बहुत कुछ रखा है’।

ज्योतिष विज्ञान के अनुसार नाम का प्रभाव व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन और व्यक्तित्व पर उम्र भर पड़ता रहता है। इसलिए भारतीय संस्कृति में नामकरण संस्कार का चलन है जिसमे कुलगुरु या बड़े बुजुर्ग बच्चे को चुनकर अच्छे नाम देते हैं ताकि इसका प्रभाव बच्चे पर अच्छा पड़े।

भारतीय संस्कृति और हिन्दू मान्यताओं में नाम का बच्चे के राशि के शब्द से रखना अच्छा माना जाता है। हर बच्चे के जन्म के समय और दिवस के अनुसार राशि का निर्धारण होता है और इसी राशि के अंतर्गत आने वाले शब्दों पर उस बच्चे का नाम रखने से वो नाम बच्चे को एक अच्छा भविष्य प्रदान करता है ।

आज के इस लेख में हम अपने पाठकों को कुम्भ राशि के बच्चों के कुछ नाम बताने जा रहे हैं जिसका उपयोग कर के आप अपने बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में पहला कदम बढ़ा सकते हैं । आज के लेख में जानेंगे Kumbh Rashi Name.

Kumbh Rashi Name: कुम्भ राशि के बच्चों के लिए अच्छे और अलग नाम

Kumbh Rashi Name

कुंभ राशि के व्यक्ति बुद्धिमान तो होते हीं है इसे साथ-साथ वे बहुत ज्यादा व्यवहार कुशल भी होते हैं। ये स्वतंत्र विचारधारा, प्रकृति प्रेमी, शीघ्र मित्रता करने वाले, सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेने वाले, साहित्य कला संगीत आदि के रसिक होते हैं। ऐसे लोग अपने सामान बुद्धिमान लोगो से हीं बातचीत करना पसंद करते हैं। इनका व्यवहार हर किसी को अपनी तरफ सम्मोहित कर लेता है।

कुंभ राशि के लड़के दुबले तथा लम्बे होते हैं। इनकी मुस्कान सुन्दर होती है जो हर किसी को अपनी ओर मोहित कर सकती है। ये खान पान और पहनावे से समझौता नहीं करते और उच्च स्तर का पसंद करते हैं। ये खुद बोलने से ज्यादा दूसरों को सुनना चाहते हैं। ऐसे लोग अपने व्यवहार में अत्यधिक ईमानदार होते हैं इसलिये लड़कियाँ अक्सर इनकी प्रशंसक बन जाती हैं। ऐसे लड़कों को कलात्मक तथा सौम्य व्यक्तित्व वाली लड़कियाँ बहुत आकर्षित करती हैं

कुंभ राशि की लड़की अक्सर बड़ी बड़ी सुन्दर आंखों वाली तथा भूरे बालों वाली होती हैं। ये कम बोलना पसंद करती हैं और इनकी मुस्कान बेहद आकर्षक होती है। इनकी पर्सनालिटी भी अच्छी होती है पर ये आसानी से किसी को भी अपना नहीं बना पाती हैं। ऐसी लड़कियाँ कलात्मक रूचि, पेंटिग, काव्य, संगीत, नृत्य और लेखन आदि में हीं अपना ज्यादातर वक़्त व्यतीत करती हैं।

कुम्भ राशि के अंतर्गत आने वाले बच्चों के नाम के पहले अक्षर “गु, गे, गो, सा, सी, सु, से सो, सा” से आरम्भ होते हैं। कुंभ राशि का राशि चिन्ह घड़ा लिए खड़ा हुआ व्यक्ति होता है। आइये अब जानते हैं कुम्भ राशि के कुछ नाम।

कुम्भ राशि के अनुसार लड़कों के नाम

इंग्लिश नाम हिंदी नाम अर्थ
Gyan ज्ञान ज्ञान, बुद्धि, विवेक
Gyanav ज्ञानव समझदार, जानकार
Gyanesh ज्ञानेश बुद्धि के देवता
Gururaj गुरुरज गुरु के गुरु
Gurudatt गुरुदत्त गुरु का उपहार
Gurmeet गुरमीत गुरु के दोस्त
Gureesh गुरीश भगवान शंकर
Gunjan गुंजन मधुमक्खी की गूँज
Gritik ग्रितिक पर्वत
Granthik ग्रंतिक ज्योतिष
Grahish ग्रहिश ग्रहों के देवता
Grahil ग्रहिल भगवान कृष्ण
Gowtham गोवठम भगवान बुद्ध
Gautheesh गौतीश बुद्धिमत्ता
Gaurav गौरव साहस, गरिमा
Gautam गौतम भगवान बुद्ध
Goswamee गोस्वामी गायों का स्वामी
Goshant गोशंत शान्ति के लिए रूपांतरित
Gorav गोराव गौरव, सम्मान
Goral गोराल आकर्षक
Gitesh गितेश गीता का भगवान
Gishi गिशी बंधक
Giri गिरी पर्वत
Gibson गिबसन ख़ुशी
Gangesh गांगेश गंगा के भगवान
Gangaj गंगज गंगा पुत्र
Gandiva गांडीव अर्जुन का धनुष
Gandhar गंधार खुशबू
Ganak गणक गणितज्ञ
Swet स्वेत सफ़ेद
Swarnim स्वर्णिम सोने की चमक
Swarnabha स्वर्नभा सुनहली किरण
Swarit स्वरित स्वर्ग की ओर
Swaran स्वरण सोना
Suyog सुयोग अच्छा समय
Suyash सुयश शानदार
Suvir सुवीर साहसी व्यक्ति
Suvidh सुविध मेहरबान
Suvel सुवेल सौम्य
Suvansh सुवंश अच्छा वंश
Suputra सुपुत्र बेटा
Suradhish सुराधीश भगवान इंद्र
Surag सुराग भगवान शिव
Suran सुरन अच्छी ध्वनि

कुम्भ राशि के अनुसार लड़कियों के नाम

इंग्लिश नाम हिंदी नाम अर्थ
Gyanada ज्ञानदा देवी सरस्वती
Gyana ज्ञाना देवी का नाम
Gurjari गुरजरी एक राग
Gurbani गुर्बानी सिख धर्म की प्रार्थना
Gunrekha गुणरेखा गुणों से भरी बातें
Gunnika गुन्निका माला
Gunjita गुंजिता मधुमखियों की गुंजन
Gunita गुणिता प्रभावशाली
Griva ग्रीवा गायन में निपुण गले वाली लड़की
Grishma ग्रीष्मा ग्रीष्म ऋतू
Grihitha गृहीता देवी लक्ष्मी
Greha ग्रेहा गृह
Grecy ग्रेसी पारी समान
Granthana ग्रंथाना किताब
Grahi ग्राही स्वीकार कर लेना
Grahati ग्रहती देवी लक्ष्मी
Gowri गोवरी देवी पार्वती
Govindi गोविंदी कृष्ण की भक्तिनी
Gautami गौतमी अँधेरे को दूर करने वाली
Gourangi गौरांगी भगवान कृष्ण की प्रिया
Goura गौरा सफ़ेद
Gyapika ज्ञापिका बुद्धिमान
Givitha गिविता जिन्दगी
Giva गीवा पहाड़ी
Gitali गीताली गीत संगीत की प्रेमी
Gishu गीशु चमक
Gisele गिसेले प्रतिज्ञा
Girika गिरिका पर्वत का शिखर
Gira गिरा भाषा
Gini गिनी सोना
Gina गिना स्वच्छ
Geshna गेशना गायक
Gehna गहना आभूषण
Syra स्यरा किस्मत
Syamala स्यमला धूसर
Swetha स्वेता शुद्ध
Swetcha Swetcha आज़ादी
Sweena स्वीना सिर्फ मेरा
Swedha स्वेधा सफेद
Swayambhi स्वयंभी स्वतंत्र
Swathika स्वतिका मुहूर्त
Swati स्वाती एक नक्षत्र
Swarni स्वर्णी सोना
Suveeta सुवीता समृद्धि
Suvani सुवानी अच्छी आवाज़
Sutaa सूता बेटी
Sushmita सुष्मिता सदैव मुस्कुराना
Sushrita सुश्रिता एक अच्छी प्रतिष्ठा
Suryani सुर्यानी सूर्य की पत्नी
Survi सूर्वी सूर्य
Suru सुरु अच्छा स्वाद
Surina सूरीना समझदार
Sumita सुमिता अच्छा दोस्त

तो ये रहे कुम्भ राशि के अंतर्गत आने वाले कुछ शुभ नाम । ये सारे नाम बड़े अच्छे और सुनने में मधुर भी लगेंगे । अगर आपके घर में कोई नया मेहमान अर्थात किसी बच्चे का आगमन होने वाला है या फिर हाल हीं में को बच्चा हुआ है और वो कुम्भ राशि का है तो उसका नाम इस आर्टिकल में बताये गए नामों में से चुन कर रखें । इस आर्टिकल में एक से एक अलग और नए नाम बताये गए हैं जो अभी तक ज्यादा इस्तेमाल भी नहीं किये गए हैं ऐसे में यहाँ से अपने बच्चे को नाम देकर आप उनका व्यक्तित्व निखार सकते हैं और राशि के अंतर्गत नाम रखने के फायदे तो आपके बच्चे को मिलेंगे हीं । तो सोचना क्या अभी चुने अपने बच्चों के लिए एक नाम जो उसे पूरी जिंदगी के लिए पहचान देगा ।

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